CAA में पारसी-ईसाईयों को जगह, लेकिन मुसलमानों को नहीं? अमित शाह ने बताया कारण
क्या है खबर?
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर बहस के बीच समाचार एजेंसी ANI के साथ इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह से CAA में पारसी और ईसाईयों जैसे गैर-भारतीय धर्मों को शामिल करने, लेकिन मुसलमानों को बाहर रखने से संबंधित सवाल पूछा गया।
उन्होंने कहा, "मुस्लिम आबादी की वजह से वो हिस्सा आज भारत का हिस्सा नहीं है। अखंड भारत का जो हिस्सा थे और जिन पर (मुस्लिम देशों में) धार्मिक प्रताड़ना हुई, उन्हें शरण देना हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है।"
बयान
और क्या बोले शाह?
शाह ने आगे कहा, "जब विभाजन हुआ, तब पाकिस्तान में 23 प्रतिशत सिख-हिंदू थे। आज 3.7 प्रतिशत बचे हैं। वे यहां तो नहीं आए। उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया। ये लोग कहां जाएंगे? क्या देश की संसद इसका विचार नहीं करेगी? अगर मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू आबादी 22 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में घटकर 10 प्रतिशत रह गई, वे कहां गए?"
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, क्या बोले अमित शाह
#WATCH | सीएए अधिसूचना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "अखंड भारत का जो हिस्सा थे और जिन पर धार्मिक प्रताड़ना हुई है उन्हें शरण देना मैं मानता हूं हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। जब विभाजन हुआ तब पाकिस्तान में 23% सिख और हिंदू थे आज 3.7% बच गए। वे यहां तो नहीं आए।… pic.twitter.com/O7InXllDSg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 14, 2024