
अमरनाथा यात्रा 3 जुलाई से शुरू; हजारों जवान रहेंगे तैनात, सुरक्षा के क्या-क्या इंतजाम?
क्या है खबर?
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद ये पहली यात्रा है, इस वजह से इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा इंतजामों को 'ऑपरेशन शिव' नाम दिया है।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने कहा कि अमरनाथ यात्रा 38 दिन की होगी, जो 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी।
सुरक्षा
5 बलों के 42,000 जवान संभालेंगे सुरक्षा
केंद्र सरकार ने यात्रा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की 581 कंपनियों की तैनाती को मंजूरी दी है।
इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 219, सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 143, सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 97, इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 62 और केंद्रीय औद्योगिक पुलिस बल (CISF) की 60 कंपनियां शामिल हैं।
इनमें से 424 कंपनियों को सीधे जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है, जबकि बाकी पहले से ही वहां तैनात थीं।
बैठक
गृह मंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए 29 मई को जम्मू-कश्मीर पहुंचे।
उन्होंने जम्मू में यात्रा की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
उन्होंने अधिकारियों को अत्यधिक सतर्कता बरतने और यात्रा को बिना बाधा पूर्ण कराने का भी निर्देश दिया।
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद शाह का ये पहला दौरा है।
CRPF
CRPF ने सुरक्षा के लिए बनाई ये योजना
CRPF के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने 3 दिवसीय घाटी का दौरा किया। उन्होंने आला अधिकारियों के साथ 3 घंटे से अधिक समय तक बैठक की।
यात्रा रूट पर CRPF के वाहन यात्रियों को एस्कॉर्ट करेंगे। रास्ते में कोई खतरा न हो इसके लिए CRPF की 'रोड ओपनिंग पार्टी' 24 घंटे गश्त पर रहेगी।
यात्रा के दौरान लगभग एक किलोमीटर के अंतराल पर मार्ग को सेनेटाइज किया जाएगा।
मार्ग की ड्रोन और CCTV कैमरों से निगरानी की जाएगी।
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने भी की उच्चस्तरीय बैठक
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा का आयोजन एक 'चुनौती' होगी, लेकिन सभी जरूरी प्रबंध किए जाएंगे।
उन्होंने तैयारियों की समीक्षा करने के लिए गुलमर्ग में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में आपातकालीन तैयारियों, पर्यटकों की सुरक्षा, मोबाइल कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे कार्यों की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, "सुरक्षा और साजो-सामान की दृष्टि से हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
अमरनाथ गुफा जम्मू-कश्मीर के लिद्दर वैली में अमरनाथ पर्वत पर है। कहा जाता है कि साल 1,850 में बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम गडरिए ने पहली बार इस गुफा को देखा था।
ये जगह समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। ये एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जिसका निर्माण प्राकृतिक तरीके से होता है।
इस शिवलिंग के पास में 2 छोटी संरचनाएं भी बनती हैं, जिन्हें माता पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है।