मध्य प्रदेश के भिंड में मिराज-2000 लड़ाकू विमान क्रैश, पायलट सुरक्षित
मध्य प्रदेश में आज भारतीय वायुसेना का एक मिराज-2000 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। अधिकारियों के अनुसार, विमान को एक ट्रेनी पायलट उड़ा रहा था और वह विमान के क्रैश होने से पहले इससे निकलने में कामयाब रहा। ग्रामीणों ने पायलट के पैराशूट की मदद से सुरक्षित नीचे उतरने की वीडियो भी बनाई है। वायुसेना ने तकनीकी खामी के कारण विमान के क्रैश होने की बात कही है। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
भिंड से छह किलोमीटर दूर दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वायुसेना का मिराज-2000 लड़ाकू विमान भिंड से लगभग छह किलोमीटर दूर मनकाबाद के एक बाजरे के खेत में गिरा। मौके से आई तस्वीरों में खेत में विमान का मलबा बिखरा हुआ देखा जा सकता है और विमान के पिछले हिस्से का आधा भाग जमीन में धंसा हुआ है। मलबे से धुआं निकल रहा है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और घटनास्थल के चारों ओर घेरा बना लिया।
वायुसेना ने दिए मामले में जांच के आदेश
वायुसेना ने मामले पर बयान जारी करते हुए कहा, 'आज सुबह केंद्रीय सेक्टर में ट्रेनिंग उड़ान भरते समय वायुसेना के एक मिराज 200 विमान में तकनीकी खराबी हो गई। पायलट सफलतापूर्वक निकलने में कामयाब रहा। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं।' इस बीच घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पायलट को पैराशूट की मदद से आराम से जमीन पर उतरते हुए देखा जा सकता है।
इस साल का चौथा लड़ाकू विमान हादसा
गौरतलब है कि यह इस साल का चौथा लड़ाकू विमान हादसा है। इससे पहले मई में पंजाब के मोगा में वायुसेना का मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। घटना में पायलट की मौत हो गई थी। मार्च में मध्य भारत में ऐसा हादसा हुआ था जिसमें एक ग्रुप कैप्टन की मौत हो गई थी। जनवरी में भी राजस्थान के सूरतगढ़ में एक मिग-21 क्रैश हुआ था। इसका पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहा था।
पिछले पांच साल में क्रैश हुए नौ चीता और चेतक हेलीकॉप्टर
लड़ाकू विमानों के साथ-साथ तीनों सेनाओं के हेलीकॉप्टर्स भी क्रैश हुए हैं और पिछले पांच साल में नौ चीता और चेतक हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं। इसी साल सितंबर में जम्मू में ऊधमपुर बेस पर लौट रहा एक चीता हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसे में मेजर रोहित कुमार और मेजर अनुज राजपूत की मौत हो गई थी। इससे पहले 2017 के बाद हुए हादसों में सेना के पांच अधिकारी मारे जा चुके हैं।