#NewsBytesExplainer: क्या है गीतिका शर्मा आत्महत्या मामला, जिसमें हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा बरी हुए?
क्या है खबर?
हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा दिल्ली की एयर होस्टेस गीतिका शर्मा की आत्महत्या के मामले में बरी हो गए हैं।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आत्महत्या के मामले में लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रहा। कांडा ने फैसले के बाद कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत मौजूद नहीं थे।
आइए इस बहुचर्चित मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मामला
एयर होस्टेस से निदेशक बन गई थीं गीतिका
गीतिका शर्मा गोपाल कांडा की एयरलाइन कंपनी MDLR एयरलाइंस में एयर होस्टेस के रूप में काम करती थीं। कुछ वर्षों बाद अचानक उन्हें कांडा की गुरुग्राम स्थित एक कॉर्पोरेट कंपनी के निदेशक के तौर पर पदोन्नत कर दिया गया।
हालांकि, कुछ समय बाद गीतिका ने कंपनी को छोड़ दिया और दुबई में नौकरी जॉइन कर ली। आरोप है कि कांडा ने गीतिका को दिल्ली आने पर मजबूर कर दिया और वह काम के बाद उन्हें मिलने के लिए बुलाते थे।
आत्महत्या
गीतिका ने कांडा पर आरोप लगाकर की थी आत्महत्या
गीतिका ने 5 अगस्त, 2012 को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के अशोक विहार इलाके में स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कांडा और उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कांडा ने उनका और अन्य महिलाओं का उत्पीड़न किया है और वह इससे तंग आकर आत्महत्या कर रही हैं।
गीतिका की मौत के 6 महीने बाद उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली थी।
मामला
18 महीने तक जेल में बंद रहे थे कांडा
पुलिस ने 23 वर्षीय गीतिका की आत्महत्या के बाद कांडा के खिलाफ केस दर्ज किया था। हालांकि, उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
कांडा द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने पर पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था और उनके घर पर छापेमारी भी की थी।
इसके बाद कांडा ने दिल्ली के अशोक विहार थाने में सरेंडर कर दिया था और करीब 18 महीने तक जेल में बंद रहे थे।
मामला
कांडा पर किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ था केस?
दिल्ली पुलिस ने कांडा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
इनमें धारा 306 (आत्महत्या करने के लिए उकसाना), धारा 506 (आपराधिक धमकी), धारा 201 (सबूत नष्ट करना), धारा 120B (आपराधिक साजिश) और धारा 466 (जालसाजी) शामिल हैं।
एक ट्रायल कोर्ट ने कांडा के खिलाफ धारा 376 (रेप) और धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्हें रद्द कर दिया था।
परिचय
कौन हैं गोपाल कांडा?
कद्दावर नेता गोपाल कांडा हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री थे। गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में केस दर्ज होने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
उन्होंने 2014 में अपनी खुद की हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) का गठन भी किया था। कांडा ने 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिरसा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी।
राजनीति
हरियाणा की राजनीति पर क्या असर?
कांडा ने विधायक चुने जाने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी।
उन्हें हाल ही में दिल्ली में आयोजित हुई राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक में भी आमंत्रित किया गया था।
इस बैठक के बाद आए फैसले के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा को अगले साल होने विधानसभा चुनाव में भी कांडा का समर्थन मिलने की संभावना है।