शादी की सालगिरह पर पति ने पत्नी को तोहफे में दी चांद पर जमीन

बहुत से प्रेमी जोड़े अपने प्यार को जाहिर करने के लिए चांद-तारे तोड़कर लाने की बात करते हैं, लेकिन राजस्थान के अजमेर में रहने वाले धर्मेंद्र अनीजा नामक एक शख्स ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। धर्मेंद्र अपनी शादी की सालगिरह पर चांद तोड़कर तो नहीं लाए, लेकिन अपनी पत्नी सपना अनीजा को तोहफे के तौर पर चांद पर तीन एकड़ जमीन जरूर दे दी। पूरा मामला क्या है, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
धर्मेंद्र ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि उन्होंने अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित लूना सोसाइटी इंटरनेशनल कंपनी के माध्यम से चांद पर जमीन खरीदी है और इसकी प्रक्रिया पूरी होने में लगभग एक साल का समय लगा। उन्होंने बताया कि 24 दिसंबर को उनकी शादी की सालगिरह थी और इस मौके पर वह अपनी पत्नी के लिए कुछ खास तोहफा देना चाहते थे। चूंकि हर कोई कार और आभूषण जैसे तोहफे देता है, इसलिए उन्होंने चांद पर जमीन खरीदी।
जहां एक तरफ चांद पर जमीन खरीदकर धर्मेंद बेहद खुश हैं और खुद को ऐसा करने वाला पहला राजस्थानी शख्स बता रहे हैं, वहीं उनकी पत्नी सपना भी ऐसा खास तोहफा पाकर काफी खुश हैं। सपना का कहना है कि उन्हें इस तरह का विशेष उपहार मिलने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने आगे कहा, "ऐसा लगा कि हम सचमुच चांद पर हैं। सालगिरह समारोह के दौरान उन्होंने (धर्मेंद्र) ने मुझे संपत्ति के दस्तावेज का प्रमाण पत्र दिया।"
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंतरिक्ष और विज्ञान में रूचि होने की वजह से स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत ने भी 2018 में चांद पर जमीन खरीद रखी थी। उनकी ये जमीन चांद के 'सी ऑफ मसकोवी' में है। वह चांद पर जमीन खरीदने वाले बॉलीवुड के इकलौते अभिनेता थे। इसके अलावा अभिनेता शाहरुख खान के जन्मदिन पर उनके एक फैन ने भी उन्हें चांद पर एक एकड़ जमीन खरीदकर तोहफे में दी थी।
अगर आप भी चांद पर जमीन खरीदना चाहते हैं तो लूना सोसाइटी इंटरनेशनल की वेबसाइट पर जाकर आप ऐसा कर सकते हैं। यहां आपको चांद के इलाकों के बारे में बताया जाएगा और इनमें से आप अपनी पसंदीदा जमीन खरीद सकते हैं।
चांद पर जमीन खरीदने वाला शख्स चांद पर नही जा सकता है, इसलिए किसी भी वेबसाइट से चांद पर जमीन खरीदना सिर्फ दिल को बहलाने का तरीका है। इसके अलावा चांद पर जमीन खरीदना गैर-कानूनी भी माना जाता है। दरअसल, 1967 में भारत समेत 104 देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत चांद समेत अंतरिक्ष की कोई भी चीज किसी एक देश की संपत्ति नहीं है और कोई भी इन पर अपना दावा नहीं कर सकता।