जबलपुर: अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण बच्चे ने मां के हाथों में तोड़ा दम
देश के कई राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी खराब है, ये किसी से छिपा नहीं है और आए दिन इसके उदाहरण भी देखने को मिलते रहते हैं। मध्य प्रदेश के जबलपुर से भी लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को उजागर करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां डॉक्टर के समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण एक बच्चे ने अपनी मां के हाथों में ही दम तोड़ दिया। डॉक्टर साहब एक धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त थे, इसलिए देरी से पहुंचे।
पांच वर्षीय बच्चे को हुई थी उल्टी-दस्त की शिकायत
घटना जबलपुर के बरगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है। यहां से 15 किलोमीटर दूर स्थित तिन्हेटा गांव में संजय पन्द्रे के पांच वर्षीय बेटे ऋषि को बुधवार को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उसके परिजन और मामा पवन कुमार उसे स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए। हालांकि यहां केवल एक नर्स ड्यूटी पर थी और डॉक्टर मौजूद ही नहीं था। परिजन घंटों डॉक्टर के आने और इलाज का इंतजार करते रहे और अंत में बच्चे ने दम तोड़ दिया।
मामा ने कहा- घंटों अस्पताल में इलाज के लिए भटकते रहे
बच्चे के मामा पवन ने बताया कि वे सुबह लगभग 10 बजे अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन 12 बजे तक उन्हें कोई इलाज नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अगर इलाज मिल जाता तो उनका भांजा बच जाता। इस बीच बच्चे की मां उसे अपनी गोद में लेकर बैठी रही और बच्चे ने उनकी गोद में ही दम तोड़ दिया। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें बच्चे की मौत के बाद मां को रोते-बिलखते हुए देखा जा सकता है।
सुबह 9 से 4 बजे तक चलती है OPD, लेकिन 12 बजे पहुंचा डॉक्टर
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के कार्यालय के अनुसार, घटना के समय अस्पताल में डॉ लोकेश की ड्यूटी थी, लेकिन वह दोपहर 12 बजे अस्पताल पहुंचे। कार्यालय के अनुसार, अस्पताल की OPD सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलती है, लेकिन डॉ लोकेश देर से पहुंचे। जब उनसे इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने कहा कि एक दिन पहले उनकी पत्नी ने व्रत रखा था और इसके कारण वह एक धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त थे।
अस्पताल लाने से पहले ही हो चुकी थी बच्चे की मौत- कलेक्टर
जबलपुर के कलेक्टर टी इलैयाराजा ने मामले पर कहा कि बच्चे की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा, "बच्चे को कोई भी गंभीर बीमारी नहीं थी। उसका एक पैर जल गया था, जिसका इलाज परिजन पिछले 10 दिन से स्थानीय स्तर पर करा रहे थे। जले हुए पैर में इंफेक्शन बढ़ने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे।" उन्होंने कहा कि परिजनों को बता दिया गया था कि बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी थी।
शिवराज सरकार के सुशासन की पोल खोलती हैं तस्वीरें- कमलनाथ
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले में सरकार पर निशाना साधा है। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह की तस्वीरें निरंतर सामने आ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार सिस्टम सुधारने की बजाय मूकदर्शक बन कर यह सब देख रहे है। यह तस्वीरें शिवराज सरकार के सुशासन, स्वर्णिम प्रदेश, विकास के दावों की पोल खोल रही हैं।" उन्होंने सरकार से दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।