उदयपुर हत्याकांड में शामिल थे 5 आरोपी, अब तक 4 हुए गिरफ्तार
क्या है खबर?
राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की गर्दन काटकर की गई हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस हत्याकांड में कुल पांच लोग शामिल थे। इनमें से चार गिरफ्तार हो चुके हैं और एक की तलाश जारी है।
जांच एजेंसियां कन्हैयालाल की रेकी करने के सात संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं, जबकि एक महिला समेत पांच अन्य संदिग्ध अभी पकड़ से बाहर है।
पृष्ठभूमि
क्या है उदयपुर हत्याकांड?
उदयुपर में बीते मंगलवार को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नामक दो हमलावरों ने कन्हैयालाल तेली नामक टेलर की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी।
हमलावर कपड़े सिलवाने के बहाने उसकी दुकान पर आए थे और यहीं वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने दिल दहला देने वाली इस घटना का वीडियो भी बनाया।
दोनों हमलावर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने वाली पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण टेलर से नाराज थे।
जानकारी
दो अलग-अलग मोटरसाइकिलों पर बैठकर आए थे हमलावर
भास्कर के अनुसार, रियाज और गौस मोहम्मद के अलावा तीन अन्य लोग इस हत्याकांड में शामिल थे। इनमें से रियाज, मोहम्मद, 24 वर्षीय मोहसिन खान और 24 वर्षीय आसिफ हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक आरोपी अभी फरार है।
पुलिस ने बताया कि मोहसिन और आसिफ दो अलग-अलग बाइक पर रियाज और गौस को कन्हैयालाल की दुकान से लगभग 70 मीटर दूर उतारा था। रियाज और गौस दुकान मे चले गए, जबकि वो दोनों वहीं खड़े रहे।
योजना
क्या थी योजना?
पुलिस को पता लगा है कि आसिफ और मोहसिन बाइक स्टार्ट किए हुए खड़े थे। हत्या के बाद अगर रियाज और गौस पकड़े जाते तो उन्हें बचाने के लिए ये तलवारों से हमला करने को भी तैयार थे।
हत्या करने के बाद जब गौस और रियाज दोनों आए तो आसिफ और मोहसिन उन्हें मोटरसाइकिलों पर बैठाकर सिलावटवाड़ी की तरफ चले गए। यहां से रियाज ने 2611 नंबर की मोटरसाइकिल ली। इससे अजमेर जाते समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
जानकारी
पांचवे आरोपी की क्या भूमिका?
हत्याकांड के बाद जब पुलिस छानबीन कर रही थी, तो उसे एक लावारिस एक्टिवा खड़ी मिली, जो गौस मोहम्मद के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस यह मान रही है कि इस लाने वाला कोई पांचवां आरोपी भी इस साजिश में शामिल रहा है।
बचने की कोशिश
इसलिए चुना गलियों से भागने का रास्ता
कन्हैयालाल के हमलावरों को पता था कि पास के चौराहे पर भीड़ रहती है और दूसरा चौकी होने के कारण वहां पुलिस की मौजूदगी भी रहती है। इसलिए वो शहर की पतली गलियों से होते हुए सिलावटवाड़ी पहुंचे।
यहां से रियाज और गौस सापोटिया पहुंचे और हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो जारी किया। दोनों हमलावर सापोटिया से अजमेर के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जांच
शुरुआती जांच में सामने आया पाकिस्तानी कनेक्शन
इससे पहले शुरुआती जांच में दोनों हमलावरों के कराची स्थित सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से लिंक होने की बात सामने आई थी। दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से संबंधित है।
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वे सुन्नी इस्लाम के सूफी-बरेलवी संप्रदाय से जुड़े हैं जिसके दावत-ए-इस्लामी के साथ करीबी संबंध हैं। यह संगठन पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का समर्थन करता है।
इसी कनेक्शन को देखते हुए NIA को जांच सौंपी गई है।