अहमदाबाद बम धमाके: स्पेशल कोर्ट ने 49 आरोपियों को माना दोषी और 28 को किया बरी
गुजरात के अहमदाबाद में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में स्पेशल कोर्ट ने 13 साल बाद मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले आरोपी बनाए गए 77 अभियुक्तों में से 49 को दोषी करार दिया है, जबकि 28 को संदेह के कारण बरी कर दिया है। मामले में अब बुधवार को दोषियों की सजा पर सुनवाई होगी। बता दें कि कोर्ट ने मामले में पिछले साल सितंबर में सुनवाई पूरी कर ली थी।
70 मिनट के अंतराल पर हुए थे 21 बम धमाके
बता दें कि 26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद शहर में 70 मिनट के अंतराल पर कुल 21 जगहों पर सिलसिलेवार तरीके से बम धमाके हुए थे।इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। मामले की शुरुआती जांच के बाद पुलिस का दावा था कि इंडियन मुजाहिदीन और प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के कट्टरपंथी धड़े से जुड़े लोगों ने ही इन धमाकों को अंजाम दिया था।
पुलिस ने मामले में दर्ज की थी कुल 35 FIR
बम धमाकों के बाद पुलिस ने सूरत के विभिन्न इलाकों से भी जिंदा बम बरामद किए थे। ऐसे में पुलिस ने अहमदाबाद में 20 और सूरत में कुल 15 FIR दर्ज की थी। पुलिस ने आरोप लगाया था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने गोधरा कांड के बाद साल 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए इन धमाकों की योजना बनाई थी। बता दें कि इन दंगों में अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोगों की मौत हुई थी।
साल 2009 में शुरू हुई थी मामले की सुनवाई
सभी 35 FIR को एकसाथ मिलाकर स्पेशल कोर्ट ने साल 2009 में मामले की सुनवाई शुरू की थी। उस दौरान पुलिस ने मामले में इंडियन मुजाहिदीन के कुल 78 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी। इनमें से एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया। जिसके कारण आरोपियों की संख्या 77 रह गई थी। हालांकि, मामले में बाद में पुलिस ने चार और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था, लेकिन उनका मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
कोर्ट ने 49 आरोपियों को माना है दोषी
NDTV के अनुसार, विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने बताया कि मामले में इस मामले में 13 साल तक लंबी सुनवाई हुई थी और इस दौरान कुल नौ न्यायाधीश भी बदल गए। पिछले साल सितंबर में न्यायाधीश एआर पटेल ने मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने बताया कि बुधवार को कोर्ट ने मामले में 49 आरोपियों को दोषी करार दिया है, जबकि 28 को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया।
इन धाराओं के तहत ठहराया गया है दोषी
पटेल ने बताया कि कोर्ट ने मामले में 49 अभियुक्तों को आतंकवादी से जुड़ी गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम (UAPA) की धारा 16, भारतीय दंड संहिता प्रक्रिया (IPC) की धारा 302 (हत्या), धारा 120B (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी करार दिया है।
पुलिस ने मामले में पेश किए थे कुल 1,116 गवाह
पटेल ने बताया कि पुलिस ने मामले में लंबी सुनवाई के दौरान कुल 9,000 पन्नों की 576 चार्जशीट और 1,116 गवाह पेश किया थे। कोर्ट ने चार्जशीट में से 6,000 पन्नों को दस्तावेजी सबूत के तौर पर रखा था। पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि आरोपियों के खिलाफ बम बनाने के पर्याप्त सबूत मिले हैं और उन्होंने ही बमों को वाहनों में रखकर अलग-अलग जगह खड़ा किया था। सबूतों के आधार पर कोर्ट ने उन्हें दोषी माना है।
कोर्ट ने इन्हें माना है दोषी
पटेल ने बताया कि कोर्ट ने मामले के मास्टर माइंड सफदर नागोरी, जावेद अहमद और अतीकुर रहमान सहित 49 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इसी तरह मोहम्म्द इरफान, नासिर अहमद और शकील अहमद सहित 28 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया हैं। उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान देश की विभिन्न जेलों में बंद अभियुक्तों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश किया गया था। अब वीडियो कांफ्रेस के जरिये ही उन्हें सजा सुनाई जाएगी।