मध्य प्रदेश में अवैध बाल गृह से 26 बच्चियों के गायब होने का मामला क्या है?
भोपाल में अवैध रूप से संचालित हो रहे बालिका गृह से 26 बच्चियों के गायब होने का मामला सामने आया है। ये बच्चियां मध्य प्रदेश समेत गुजरात, झारखंड और राजस्थान की रहने वाली हैं। ये घटना तब सामने आई जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो बालिका गृह का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। पुलिस ने बालिका गृह के संचालक के खिलाफ FIR दर्ज की है। आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
क्या है मामला?
शुक्रवार को NCPCR के अध्यक्ष कानूनगो ने भोपाल के परवलिया इलाके में संचालित 'आंचल बालिका छात्रावास' का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने जब रजिस्टर चेक किया तो पाया कि उसमें 68 बच्चियों की एंट्री थी, लेकिन उनमें से 26 बच्चियां गायब थीं। जब छात्रावास संचालक अनिल मैथ्यू से अनुपस्थित बच्चियों के बारे में पूछताछ की गई तो वो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। छात्रावास में कई अन्य अनियमितताएं भी मिली हैं और पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
अवैध बाल गृह के निरीक्षण का वीडियो
NCPCR अध्यक्ष ने क्या लगाए आरोप?
NCPCR कानूनगो का आरोप है कि ये बालिका गृह अवैध रूप से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा है और यहां बच्चियों से ईसाई धर्म की प्रैक्टिस करवाई जा रही थी। उन्होंने कहा है कि छात्रावास में 6 साल से 18 साल तक की 40 से अधिक लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं और काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की है। मामले में आयोग ने मुख्य सचिव को भी अलग से नोटिस जारी किया है।
पुलिस FIR में क्या कहा गया है?
FIR के अनुसार, बालिका गृह बिना सरकार की अनुमति के संचालित हो रहा था और यहां रसोई में मांस और मछली का सामान मिला है। आगे कहा गया है कि बाल गृह में विभिन्न धर्मों की लड़कियां थीं, लेकिन उनसे केवल एक धर्म (ईसाई धर्म) के अनुसार पूजा कराई जाती थी। यहां CCTV कैमरे नहीं लगे हुए थे। इस छात्रावास में रात को महिला सुरक्षाकर्मियों के अलावा 2 पुरुष गार्ड रहते हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।
भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने भी बाल गृह से 26 लड़कियों के गायब होने की घटना पर कहा है कि मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। दूसरी ओर कांग्रेस के नेता सज्जन सिंह वर्मा का आरोप है कि राज्य में भाजपा सरकार के कार्यकाल में अवैध बाल गृह तेजी से बढ़े हैं, जहां धर्मांतरण और मानव तस्करी जैसी कई अनैतिक गतिविधियां चल रही हैं।