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रूस ने यूक्रेन से युद्ध लड़ने के लिए 202 भारतीयों को भर्ती किया, 26 मारे गए
रूस द्वारा यूक्रेन से युद्ध लड़ने के लिए भर्ती किए गए भारतीयों की जानकारी सामने आई है

रूस ने यूक्रेन से युद्ध लड़ने के लिए 202 भारतीयों को भर्ती किया, 26 मारे गए

लेखन आबिद खान
Dec 21, 2025
11:29 am

क्या है खबर?

रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए 200 से ज्यादा भारतीयों को अपनी सेना में भर्ती किया है। युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक इनमें से 26 मारे गए हैं। विदेश मंत्रालय ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि उसने इनमें से 119 को समय रहते रूस से निकालने में भी सफलता प्राप्त की है।

जवाब

10 भारतीयों के शव अभी तक नहीं मिले

मंत्रालय ने बताया कि युद्ध में 26 भारतीय नागरिकों की जान गई है और सीमा के रूसी हिस्से में 7 लापता बताए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि रूसी सेना से 50 भारतीय नागरिकों को रिहा कराने की कोशिशें जारी हैं और मंत्रालय युद्ध में मारे गए 10 लोगों के शवों को बरामद करने की भी कोशिश कर रहा है। अभी तक ये पता नहीं है कि रूस ने कैसे इन भारतीयों को सेना में भर्ती किया।

बयान

सरकार ने कहा- हम रूसी अधिकारियों के संपर्क में 

मंत्रालय ने बयान में कहा, "रूसी सशस्त्र बलों में तैनात सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कुशलक्षेम और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार रूसी पक्ष के साथ निरंतर संपर्क में है। इस मामले पर दोनों पक्षों के नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों के बीच होने वाली बातचीत सहित विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जाती है। मृत या लापता बताए गए 18 भारतीयों के DNA सैंपल रूसी अधिकारियों के साथ साझा किए गए हैं।"

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मुद्दा

प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के समक्ष उठाया था मुद्दा

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रूस यात्रा के दौरान इस मुद्दे को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ चर्चा के दौरान उठाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस समस्या पर चिंता जताई थी, जिसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने भारतीय नागरिकों को वापस भेजने का आश्वासन दिया था। 4 जुलाई, 2024 को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ चर्चा की थी।

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धोखा

धोखे से रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीय

कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कुछ एजेंटों ने नौकरी के बहाने भारतीय को रूस ले जाकर उन्हें युद्ध लड़ने पर मजबूर किया। इन लोगों को सेना सुरक्षा सहायक के नाम पर भर्ती किया गया और थोड़े प्रशिक्षण के बाद युद्ध के मैदान में उतार दिया गया। बीते कुछ समय से युद्ध में फंसे कई भारतीयों की वीडियो भी सामने आई हैं, जिनमें उन्होंने शोषण और धोखाधड़ी का जिक्र किया है।

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