मणिपुर: प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं विपक्षी पार्टियां, अलग शासन की मांग वाले नेता पर FIR
क्या है खबर?
मणिपुर में हिंसा के बाद उपजे तनाव के बीच 10 विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की मांग की है।
इन 10 पार्टियों के प्रतिनिधियों ने 17 नवंबर को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर कहा कि वे राज्य में जारी हिंसा पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री से मिलना चाहते हैं।
दूसरी ओर, अलग शासन की मांग करने वाले आदिवासी नेता पर पुलिस ने FIR दर्ज की है।
पार्टी
क्या है विपक्षी पार्टियों की मांग?
राज्यपाल से मुलाकात के बाद पार्टियों ने कहा, "'10 दलों के नेताओं ने संकल्प लिया है कि वह हिंसा का उनके मार्गदर्शन में समाधान खोजेंगे। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाए। अगर प्रधानमंत्री व्यस्त हैं तो हम उनसे दिल्ली जाकर मुलाकात करने के लिए तैयार हैं।"
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओ इबोबी सिंह ने कहा कि "हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री ही राज्य में शांति लाने की एकमात्र उम्मीद हैं।"
बयान
सिंह बोले- राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास का माहौल
कांग्रेस नेता सिंह ने कहा, "मणिपुर में जारी यह जातीय संघर्ष बीते 6 महीने से अधिक समय से चल रहा है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई है और 60 हजार लोगों का आंतरिक विस्थापन हुआ है। लोग राहत शिविरों में अमानवीय स्थिति में रह रहे हैं। राज्य सरकार के खिलाफ लोगों के बीच का अविश्वास का माहौल है। सिर्फ केंद्र सरकार ही इस अविश्वास को रोक सकती है।"
FIR
अलग शासन की मांग करने वाले नेता पर FIR
मणिपुर पुलिस ने आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के महासचिव मुआन टॉम्बिंग के खिलाफ FIR दर्ज की है।
टॉम्बिंग ने आदिवासी बहुल 3 जिलों में अलग शासन की मांग की थी। टॉम्बिंग ने कहा था तेंगनोउपल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में कुकी समुदाय के लोगों द्वारा ही शासन चलाया जाए और यहां कुकी समुदाय के मुख्यमंत्री और अधिकारी होंगे।
पुलिस ने टॉम्बिंग पर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के आरोपों में मामला दर्ज किया है।
अल्टीमेटम
टॉम्बिंग ने सरकार को दिया था 2 हफ्ते का अल्टीमेटम
टॉम्बिंग ने कहा था, "6 महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन मणिपुर सरकार ने अलग प्रशासन की हमारी मांग को लेकर कुछ नहीं किया है। अगर 2 हफ्तों के भीतर हमारी आवाज नहीं सुनी गई तो हम स्वशासन स्थापित करेंगे। चाहे केंद्र इसे मान्यता दे या नहीं, हम आगे बढ़ेंगे। एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की तरह, हम एक स्व-सरकार स्थापित करेंगे, जो कुकी और जो क्षेत्रों के सभी मामलों को देखेगी।"
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच 3 मई से हिंसा जारी है। इसमें कम से कम 185 से अधिक लोग मारे गए हैं और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। कई कोशिशों के बावजूद अभी भी हिंसा जारी है।