सुशांत सिंह राजपूत ने क्यों ठुकराया था स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप का प्रस्ताव?
क्या है खबर?
सुशांत सिंह राजपूत के निधन को आज एक साल हो गया है। वह ना सिर्फ अभिनय, बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल थे।
सुशांत ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था। जब उनके सामने यह करियर बुलंदियों पर ले जाने के लिए हाथ फैलाए खड़ा था, तब उन्होंने अभिनय जगत की ओर रुख करने का फैसला कर लिया था।
इसके लिए सुशांत ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप तक ठुकरा दी थी।
आइए जानते हैं उन्होंने यह कदम क्यों उठाया।
निर्णय
कॉलेज छोड़ मुंबई के वर्सोवा पहुंच गए थे सुशांत
सुशांत कितने ऊंचे दर्जे के इंजीनियरिंग स्टूडेंट थे, इसका अंदाजा इसी से लगता है कि उन्हें स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने तय कर लिया था कि करनी तो एक्टिंग ही है।
इस पर सुशांत ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया था, "स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी जाने के बजाय जहां से मुझे स्कॉरशिप का ऑफर मिला था। मैंने कॉलेज छोड़ दिया और वर्सोवा (मुंबई का एक इलाका) पहुंच गया, जहां एक कमरे में छह लोगों के साथ मिलकर रहा।"
प्रतिक्रिया
पढ़ाई छोड़ने का फैसला घर में बम फोड़ने जैसा था- सुशांत
सुशांत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई अधूरी छोड़ अपने जीवन का सबसे बड़ा फैसला लिया था। उन्होंने कहा, "यह 2006 का समय था। कॉलेज में मेरा फाइनल ईयर था, जब मैंने यह बम घर पर गिराया।"
उन्होंने कहा, "घर पर सब चौंक गए थे। वे कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे। मैंने उनकी चुप्पी को उनकी स्वीकृति के रूप में ले लिया। आज भी पापा की सारी बातें यहीं खत्म होती हैं कि बेटा, डिग्री ले लेता।"
रुझान
इंजीनियरिंग में नहीं थी सुशांत की दिलचस्पी
सुशांत ने कहा था, "मेरा इंजीनियर बनने को कोई विचार नहीं था, बल्कि मेरे घरवाले मुझे इंजीनियर बनाना चाहते थे। मैं तो एस्ट्रोनॉट या एयर फोर्स पायलट बनना चाहता था।"
उन्होंने कहा था, "जब मेरे घरवालों ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला तो मैंने अपना टॉप गन पोस्टर फाड़ दिया था। जाहिर है मैं एक इंजीनियर बनने जा रहा था। हो सकता है कि उस दिन मैंने जो ड्रामा किया था, उससे सभी को पता चल गया हो।"
सम्मान
2015 में सुशांत को मिली थी मानद उपाधि
सुशांत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी, लेकिन 2015 में उनके कॉलेज ने उन्हें मानद उपाधि दी।
उन्होंने कहा था, "मैं इस निमंत्रण से हैरान हूं। एक मेधावी छात्र होने के बावजूद मैंने एक्टिंग की दुनिया में अपना करियर बनाने के लिए अपने तीसरे वर्ष में इंजीनियरिंग छोड़ दी।"
सुशांत ने कहा, "यह वास्तव में दिल को छू लेने वाला है कि मेरा इंजीनियरिंग कॉलेज मुझे उसकी 75वीं वर्षगांठ पर मानद उपाधि देना चाहता है।"