'बवाल' पर अब इजरायली दूतावास ने जताई आपत्ति, जानिए विवाद पर अब तक किसने क्या कहा
फिल्म 'बवाल' को OTT पर रिलीज करने की वजह बताते हुए निर्देशक नितेश तिवारी ने कहा था कि यह एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो दुनियाभर के लोगों को देखनी चाहिए। हालांकि, ऐसा लग रहा है कि इसके ठीक उलटा फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादों में घिरती जा रही है। अमेजन प्राइम वीडियो की इस फिल्म पर इजरायली दूतावास ने भी आपत्ति जताई है। जानिए, विवाद पर अब तक किसने क्या कहा।
फिल्म में क्या है विवादित?
वरुण धवन और जाह्नवी कपूर की इस फिल्म में विश्व युद्ध 2 की त्रासदियों से तुलना करते हुए आज के दौर के रिश्तों में तनाव को दिखाया गया है। फिल्म के आखिर में मुख्य किरदार ऑश्विच पहुंचते हैं, जहां लाखों यहूदियों को प्रताड़ित करके उनकी जान ले ली गई थी। गैस चैंबर की घटना सुनते हुए अज्जू (वरुण) का हृदय परिवर्तन होता है और उसका रवैया अपनी पत्नी निशा (जाह्नवी) के लिए बदल जाता है।
इजरायली दूतावास ने जताई आपत्ती
फिल्म पर आपत्ति जताते हुए इजरायल के दूतावास ने ट्विटर पर बयान जारी किया है। दूतावास की ओर से लिखा गया, 'हालिया फिल्म बवाल में होलोकॉस्ट की घटना के महत्व को हल्का किए जाने से इजरायली दूतावास व्यथित है। फिल्म में गलत शब्दावलियों का इस्तेमाल किया गया है। हम मानते हैं कि इसके पीछे कोई गलत उद्देश्य नहीं होगा, हम गुजारिश करते हैं कि जो लोग हॉलोकॉस्ट की भयावहता से परिचित नहीं हैं, वे अपनी जानकारी बढ़ाएं।'
दूतावास ने जताई आपत्ति
इसकी भयावहता पर बढ़ाएं अपनी जानकारी- राजदूत
दूतावास की तरफ से आए बयान के अलावा भारत में इजरायल के राजदूत नेओर गिलॉन ने भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा, 'मैंने बवाल नहीं देखी है, ना ही देखूंगा, लेकिन मैंने जितना पढ़ा है, उससे पता चलता है कि फिल्म में गलत शब्दावली और तुलना का इस्तेमाल हुआ है। हॉलोकॉस्ट को इस तरह दिखाया जाना हर किसी को विचलित करेगा। मैं गुजारिश करता हूं कि जिन लोगों को हॉलोकॉस्ट की भयावहता नहीं पता है, वे इसके बारे में पढ़ें।'
यहूदी मानवाधिकार संगठन ने की थी फिल्म को हाटने की मांग
हाल ही में यहूदी मानवाधिकार संगठन साइमन विसेन्थल सेंटर ने फिल्म को OTT प्लेटफॉर्म से तत्काल हटाने की मांग की थी। साथ ही नितेश पर मारे गए यहूदियों की स्मृति को धूमिल करने का आरोप लगाया था। संगठन की ओर से कहा गया था कि इस फिल्म से नितेश ने 6 लाख मारे गए यहूदियों और हिटलर के नरसंहार शासन के हाथों पीड़ित लाखों अन्य लोगों की स्मृति को अपमानित किया है।
नितेश ने दी थी सफाई
कुछ समय पहले निर्देशक नितेश तिवारी ने फिल्म में ऑश्विच की घटना पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि उनका मकसद कभी भी किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था, न ही होगा। उन्होंने कहा था, "वे लोग (वरुण और जाह्नवी) कैदियों को देखते हैं, उन्हें किस तरह ठूंसा जाता था, उन पर कैसे अत्याचार हुए थे, क्या वे इसे लेकर असंवेदनशील होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में आंसू होते हैं।"