
'शोले' की सफलता के बाद भी असरानी ने देखा था मुश्किल वक्त, खुद किया था खुलासा
क्या है खबर?
दिग्गज अभिनेता गोवर्धन असरानी के निधन की खबर से सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट जारी करते हुए लोग उन्हें याद कर रहे हैं। जाहिर है कि असरानी ने फिल्मी पर्दे पर कॉमेडी किरदार निभाकर खास पहचान बनाई थी। 1975 में रिलीज फिल्म 'शोले' में उनका डायलॉग 'हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं' आज भी पॉपुलर है। 'शोले' भी कल्ट फिल्म साबित हुई, बावजूद इसके असरानी ने बुरा दौर देखा था।
बयान
निर्देशन बनने पर मिली थी अस्वीकृति
साल 1977 में असरानी ने फिल्म 'चला मुरारी हीरो बनने' से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा था। 2018 में फिल्मफेयर से बातचीत में अभिनेता ने कहा था कि उस वक्त उनकी बड़े सितारों से दोस्ती थी, लेकिन कोई भी उनकी फिल्म में काम करना नहीं चाहता था। उन्होंने कहा, "जब मैं 'चला मुरारी हीरो बनने' का निर्देशन करना चाहता था, वो सबसे बुरा दौर था। कोई मुझे लेने वाला नहीं मिला। वे बचने के रास्ते ढूंढ रहे थे।"
फैसला
इस सलाह के बाद बदला फैसला
असरानी ने बताया कि इस बारे में उन्होंने मशहूर निर्माता गुलशन राय से बात की थी और उन्हें ईमानदार सलाह मिली। उन्होंने कहा, "जिस दिन आप खुद को निर्देशक घोषित करेंगे, उसी दिन अभिनेता के तौर पर विश्वास खो देंगे। मैं समझ गया।" असरानी ने बताया कि वह हार न मानते हुए आगे बढ़ते रहे। बाद में अभिनय में लौट आए। बता दें कि 20 अक्टूबर को मुंबई के आरोग्य निधि अस्पताल में असरानी का निधन हो गया था।