'द दिल्ली फाइल्स' पर शोध कर रहे विवेक अग्निहोत्री, लिखा- बंगाल की असली कहानी दिखाऊंगा
'द कश्मीर फाइल्स' और 'द वैक्सीन वॉर' जैसी सच्ची कहानियां बनाने वाले निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री इन दिनों फिल्म 'द दिल्ली फाइल्स' की तैयारियों में जुटे हैं। इस फिल्म के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयास जबरदस्त हैं। वह दर्शकों को मनोरंजक कहानी देने के लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहरों का दौरा कर शोध कर रहे हैं। यह खुद अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया के जरिए दर्शकों को बताया है। चलिए जानते हैं निर्देशक ने क्या-क्या जानकारी साझा की।
शोध करने के लिए शहरों और गावों में भटक रहे हैं निर्देशक
अग्निहोत्री ने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर खुलासा किया कि वह काफी समय से फिल्म को लेकर शोध कर रहे हैं। उन्होंने दो तस्वीरें भी साझा की हैं, जिनमें से एक नेशनल म्यूजियम की है और दूसरी एक पेंटिंग है, जो बंगाली कलाकार ने उन्हें दी है। उनके अनुसार, वह पिछले 6 महीनों से अलग-अलग शहरों और गांवों में जाकर लोगों से बातचीत कर रहे हैं। वह स्थानीय संस्कृति और उसके इतिहास का अध्ययन कर रहे हैं।
बंगाल के इतिहास को समझने की कोशिश कर रहे अग्निहोत्री
उन्होंने लिखा, 'ये सब करके मैं हमारी अगली बहुत महत्वपूर्ण फिल्म के लिए बंगाल के हिंसक इतिहास के मूल कारण को समझने की कोशिश कर रहा हूं। बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसका दो बार विभाजन हुआ। यह एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आजादी से पहले और बाद में एक के बाद एक कई नरसंहार हुए हैं।' उनके अनुसार, वह लोगों कों बंगाल की कहानी, बंगालियों की जुबानी सुनाना चाहते हैं इसलिए वह इतना शोध कर रहे हैं।
किन कारणों से हुआ राज्य का पतन?
अग्निहोत्री ने लिखा, 'स्वतंत्र भारत में संघर्ष दो मुख्यधारा की राष्ट्रीय विचारधाराओं- हिंदू धर्म और इस्लाम के बीच था। बंगाल में चार मुख्यधारा की विचारधाराएं थीं - हिंदू धर्म, इस्लाम, साम्यवाद और नक्सलवाद। राष्ट्रवाद, सामाजिक सुधार, दर्शन, कला, साहित्य और आध्यात्मिकता की महान विरासत के खोने का प्रबल अहसास था। सभी एक-दूसरे से झगड़ रहे थे।' उनके मुताबिक, इन कारणों से राज्य का सभी पहलुओं में पतन हुआ था और किसी भी अन्य राज्य ने बंगाल जैसी हिंसा नहीं देखी।
दर्शकों तक सच्ची कहानी पहुंचाएंगे अग्निहोत्री
अग्निहोत्री ने साफ शब्दों में कहा कि बंगाल में विभाजन कभी खत्म नहीं हुआ। उनके अनुसार, वहां अभी भी दो राष्ट्र और तीन संविधान मौजूद हैं। निर्देशक लिखते हैं, 'बंगाल को सहानुभूति और दूरदर्शिता वाले एक सच्चे नेता की जरूरत है, जो बंगाल को पुनर्जागरण 2.0 की ओर ले जा सके। मेरा आपसे वादा है कि मैं अपनी फिल्म के जरिए बंगाल की असली कहानी दर्शकों तक पहुंचाऊंगा।' अब देखना होगा कि यह फिल्म कब तक बनकर तैयार होती है।