...जब विधु विनोद चोपड़ा लालकृष्ण आडवाणी से भिड़ गए, केवल 4,000 रुपये की थी बात
विधु विनोद चोपड़ा बॉलीवुड के सबसे सम्मानित फिल्म निर्माता-निर्देशकों में शुमार हैं। उन्होंने न सिर्फ दर्शकों को एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में दीं, बल्कि उनकी फिल्म ऑस्कर की रेस में भी शामिल हो चुकी है। अब एक बातचीत में उन्होंने पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करने का किस्सा बताया है। पुरस्कार से ज्यादा उनकी नजर पैसों पर थी। इसके लिए वह राष्ट्रपति के सामने ही लालकृष्ण आडवाणी (तत्कालीन सूचना प्रसारण मंत्री) से भिड़ गए थे।
मंच पर ही खोल दिया पैसों का लिफाफा
विधु अपनी फिल्म '12वीं फेल' की टीम के साथ द लल्लनटॉप से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया, "राष्ट्रपति ने मुझे पुरस्कार दिया। पुरस्कार के साथ मुझे 4,000 रुपये भी मिलने थे। जब मैंने लिफाफा पकड़ा तो देखा कि यह तो काफी पतला है। मैंने मंच पर ही उसे खोल लिया। उसमें पोस्टल ऑर्डर था, जिसको 7 साल बाद नगद कराया जा सकता था।" यह देखकर विधु मंच पर ही इसके बारे में आडवाणी से बात करने लगे।
राष्ट्रपति को करना पड़ा हस्तक्षेप
विधु ने आडवाणी से कहा, "सर मुझे तो नगद पुरस्कार मिलना था, यह तो पोस्टल ऑर्डर है।" इस पर आडवाणी ने उन्हें समझाया कि यह नगद ही है, जो 7 साल बाद मिल जाएगा। विधु सुनने को तैयार नहीं थे और नगद की मांग पर अड़ गए। इसके बाद राष्ट्रपति ने उनसे पूछा कि क्या कोई समस्या है। उन्होंने राष्ट्रपति से भी अपनी शिकायत बताई। हारकर आडवाणी ने उन्हें अगले दिन अपने ऑफिस बुलाया।
विधु ने आडवाणी को दिया यह जवाब
अगले दिन जब विधु आडवाणी के ऑफिस पहुंचे, तो उन्होंने उनकी फटकार लगाई और उनके पिता को फोन करने के लिए कहा। इस पर विधु भी भड़क गए और कहा, "मैंने नाश्ता नहीं किया है। मैंने उधार लेकर समारोह के लिए 1,200 की शर्ट खरीदी थी, एसी चेयर कार का टिकट लिया था, क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि मुझे 4,000 रुपये मिलने वाले हैं।" इसके बाद आडवाणी ने उन्हें कुछ कागज दिए, जिससे पोस्ट ऑफिस से उन्हें नगद मिल गया।
ऑस्कर में जाने के लिए भी आडवाणी ने की मदद
इसके बाद जब उन्हें अपनी फिल्म के लिए ऑस्कर समारोह में जाने में दिक्कत आई तब भी उन्होंने उनकी मदद की थी। उन्होंने कहा, "जब ऑस्कर के लिए नामांकित हुआ तो न टिकट था, न वीजा था, ना पासपोर्ट था। एक हफ्ते पहले मैं आडवाणी जी के पास पहुंच गया। आडवाणी जी ने मुझे एयर इंडिया की टिकट दी, 20 डॉलर प्रतिदिन का भत्ता दिया और बिना पुलिस वेरिफिकेशन के 2 दिन में पासपोर्ट बनवा दिया।"
न्यूजबाइट्स प्लस
1979 में विधु की शॉर्ट फिल्म 'एन एनकाउंटर विद फेसेस' को ऑस्कर में नामांकन मिला था। 1990 में उनकी फिल्म 'परिंदा' भारत की ओर से ऑस्कर के लिए भेजी गई थी। उनकी फिल्म 'एकलव्य' भी ऑस्कर में भारत की ओर से शामिल हो चुकी है।