
दिग्गज अभिनेत्री संध्या शांताराम का निधन, सिनेमा जगत में शोक की लहर
क्या है खबर?
मनाेरंजन जगत से एक बुरी खबर सामने आ रही है। दरअसल, दिग्गज अदाकारा संध्या शांतारम ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। 94 की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। संध्या के निधन से पूरे मनोरंजन जगत को बड़ा धक्का लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संध्या बढ़ती उम्र की समस्याओं से ग्रस्त थीं। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता संध्या शांताराम के निधन पर निर्देशक मधुर भंडारकर ने भी उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी है।
शोक
मधुर भंडारकर ने दी संध्या को श्रद्धांजलि
मधुर ने एक्स पर संध्या को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अभिनेत्री की एक पुरानी तस्वीर साझा कर लिखा, 'महान अदाकारा संध्या शांताराम जी के निधन से दुखी हूं। 'पिंजरा, दो आंखें बारह हाथ', 'नवरंग' और 'झनक झनक पायल बाजे' जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं हमेशा याद रखी जाएंगी। उनकी अद्भुत प्रतिभा और मंत्रमुग्ध कर देने वाले नृत्य कौशल ने सिनेमा जगत पर एक अमिट छाप छोड़ी है। ओम शांति।' बता दें कि संध्या मशहूर फिल्मकार वी. शांताराम की तीसरी पत्नी थीं।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिए मधुर भंडारकर का पोस्ट
Saddened by the passing of legendary actress Sandhya Shantaram Ji. Her iconic roles in films like #Pinjra, #DoAnkhenBarahHath, #Navrang, and #JhanakJhanakPayalBaaje will forever be cherished. Her remarkable talent and mesmerizing dance skills have left an indelible mark on the… pic.twitter.com/fOttHtmuMz
— Madhur Bhandarkar (@imbhandarkar) October 4, 2025
यादगार फिल्में
बेहतरीन अभिनेत्री होने के साथ-साथ एक शानदार डांसर भी थीं संध्या
संध्या शांताराम के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार 4 अक्टूबर को शिवाजी पार्क स्थित वैकुंठ धाम में किया गया। संध्या को 'झनक झनक पायल बाजे', 'दो आंखें बारह हाथ', 'नवरंग' और मराठी फिल्म 'पिंजरा' जैसी फिल्माें में उनके यादगार अभिनय के लिए याद किया जाता है। वो न सिर्फ अपनी अदाकारी, बल्कि अपने शानदार डांस के लिए भी जानी जाती थीं। उन्होंने मराठी और हिंदी सिनेमा में अपने अद्भुत अभिनय और नृत्य कौशल से पर्दे पर एक अनूठी छाप छोड़ी।
लॉन्च
वी. शांताराम ने ही की थी संध्या की खोज
वी. शांताराम ने साल 1951 में अपनी फिल्म 'अमर भूपाली' के लिए नई प्रतिभाओं की तलाश के दौरान संध्या की प्रतिभा को पहचाना था।अ फिल्म निर्देशक को उनकी मनमोहक आवाज ने प्रभावित किया था। इस फिल्म में संध्या ने एक गायिका का किरदार निभाया था। बता दें कि वी. शांताराम ने अपनी दूसरी पत्नी जयश्री से तलाक लेने के 1 महीने बाद ही संध्या से शादी कर ली थी। दोनों ने फिल्म 'पिंजरा' में भी साथ काम किया था।
सफलता
इस एक गाने ने बना दिया था संध्या का करियर
साल 1959 में आई वी.शांताराम की फिल्म 'नवरंग' के बाद संध्या घर-घर में लोकप्रिय हो गई थीं। इस फिल्म से संध्या की फैन फॉलोइंग में जबरदस्त इजाफा हुआ और वो रातों-रात स्टार बन गई थीं। वजह थी फिल्म का गाना 'अरे जा रे हट नटखट', जिसने संध्या के करियर में चार चांद लगा दिए थे। गाना इतना बड़ा हिट साबित हुआ कि आज भी फिल्म की रिलीज के 65 साल बाद भी इसकी चमक कम नहीं हुई है.