मशहूर गायिका ऊषा उत्थुप के पति जानी चाको का निधन, कार्डिएक अरेस्ट ने ली जान
क्या है खबर?
भारत की पॉप गायिका और अपनी अलग आवाज के लिए मशहूर ऊषा उत्थुप के पति जानी चाको ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है।
उनके परिवार ने इस खबर की पुष्टि की है। उनके मुताबिक जानी ने सोमवार को कोलकाता में आखिरी सांस ली।
उन्होंने अपने घर पर टीवी देखते हुए बेचैनी की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उनकी उम्र 78 साल थी।
कारण
कार्डिएक अरेस्ट बना मौत का करण
डॉक्टरों ने बताया कि कार्डिएक अरेस्ट की वजह से जानी चाको की मौत हुई। परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि 9 जुलाई यानी आज जानी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जानी, ऊषा के दूसरे पति थे। वह चाय बागान क्षेत्र से जुड़े हुए थे।
ऊषा और जानी की पहली मुलाकात 70 के दशक में प्रतिष्ठित ट्रिनकास में हुई थी। अब उनके परिवार में एक बेटी अंजलि उत्थुप और बेटा सनी उत्थुप है।
मुलाकात
कैसे हुआ ऊषा और जानी का मिलन?
ऊषा की पहली शादी रामू अय्यर से हुई थी, लेकिन इनकी शादी को 5 साल हो गए थे। उनके बीच चीजें ठीक नहीं थीं।
रामू, ऊषा को संगीत के लिए प्रोत्साहित करते थे। उन्हें जगह-जगह इवेंट्स में ले जाते थे, लेकिन कहा जाता है कि उनके बीच बीच पति-पत्नी जैसे संबंध नहीं थे।
फिर एक बार जब ऊषा अपने पहले पति के साथ कोलकाता में एक इवेंट करने के लिए गई थीं तो उनकी मुलाकात जानी से हुई थी।
प्रेम कहानी
फिल्मी है प्रेम कहानी
'द क्वीन ऑफ इंडियन पॉप: द ऑथराइज्ड बायोग्राफी ऑफ उषा उत्थुप' के मुताबिक जानी ने रामू को चाइनीज रेस्तरां में बुलाया। जहां उन्होंने उनसे कहा था, "'मुझे ऊषा की भावनाओं के बारे में नहीं पता, लेकिन मैं उनसे प्यार करता हूं।"
रामू ने ऊषा से पूछा, "क्या तुम्हारे मन में भी उसके लिए वही भावनाएं हैं?" फिर उन्होंने डरे-सहमे अंदाज में हां कह दिया। बस तभी से रामू ने उनसे दूरी बना ली और ऊंषा, जानी के करीब आ गईं।
सम्मान
पद्म भूषण से नवाजी जा चुकी हैं ऊषा
बता करें ऊषा की तो उन्होंने चेन्नई के माउंट रोड स्थित जेम्स नाम के एक छोटे से नाइट क्लब से अपने करियर की शुरुआत की थी।
शशि कपूर ने ऊषा को पहला ब्रेक दिया था। उषा को 'एक दो तीन च चा' गाने से सफलता मिली थी। वह बॉलीवुड के दिग्गज संगीत निर्देशक आर डी बर्मन और बप्पी लहरी के साथ कई हिट गाने दिए।
इस साल की शुरुआत में ऊषा उत्थुप को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।