मनोज बाजपेयी, शर्मिला टैगोर की 'गुलमोहर' का ट्रेलर जारी, दिखी उलझे हुए परिवार की भावुक कहानी
मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर की फिल्म 'गुलमोहर' बीते कुछ दिनों से चर्चा में है। मनोज ने फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा था कि इस होली पर वह अपने परिवार से मिलाने जा रहे हैं। फिल्म से शर्मिला टैगोर अभिनय की दुनिया में वापसी कर रही हैं और इस वजह से यह फिल्म चर्चा में है। अब शनिवार को फिल्म का ट्रेलर जारी कर दिया गया है। यह एक परिवार के जुड़े रहने के संघर्षों की कहानी है।
परिवार के बीच उधेड़-बुन की कहानी है 'गुलमोहर'
ट्रेलर की शुरुआत होती है एक बड़े पारिवारिक कार्यक्रम से। इस कार्यक्रम के बीच में शर्मिला का किरदार अपने घरवालों को बताती है कि उसने अपना एक मकान ले लिया है और अब वह वहीं रहेंगी। इसके बाद शुरू होता है फैमिली ड्रामा। एक छत के नीचे रहते हुए घर के हर सदस्य को एक-दूसरे से शिकायत है। साथ ही हर किसी को इसका दुख भी है कि जिंदगी की आपाधापी में कैसे सब एक-दूसरे से दूर हो गए।
अपनी वापसी के लिए उत्साहित हैं शर्मिला
'गुलमोहर' 3 मार्च को डिज्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज होगी। फिल्म का निर्देशन राहुल चितेला ने किया है। मीडिया से बातचीत में शर्मिला ने कहा था, "गुलमोहर एक पारिवारिक कहानी है, जिससे हर कोई जुड़ा हुआ महसूस करेगा। यह परंपराओं और आधुनिकता के बीच बैलेंस पर आधारित है। इसमें दिखाया जाएगा कि कैसे इनके बीच की जगह आप प्यार की गरमाहट से भर सकते हैं। मुझे इस फिल्म के डिज्नी+ हॉटस्टार पर आने के बाद लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार है।"
जो मैं करता आया हूं, यह उससे अलग है- मनोज
मनोज ने फिल्म के बारे में कहा था, "गुलमोहर के साथ मैंने एक नई चुनौती ली है। यह उससे अलग है, जो मैं आमतौर पर करता आया हूं। गुलमोहर एक ऐसी फिल्म है, जो प्यार, परवाह और आराम से भरी हुई है। यह एक परिवार के अलग-अलग रिश्तों पर आधारित है। यह एक मकान के घर बनने की कहानी है। मैं इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं क्योंकि यह परिवार के साथ देखने के लिए बेहतरीन फिल्म है।"
प्रशंसकों को है 'द फैमिली मैन 3' का भी इंतजार
'गुलमोहर' के अलावा दर्शकों को मनोज बाजपेयी की 'द फैमिली मैन' के तीसरे सीजन का इंतजार है। अमेजन प्राइम पर इस वेब सीरीज के पिछले दो सीजन काफी लोकप्रिय हुए हैं। वहीं शर्मिला के प्रशंसक भी उनके डिजिटल डेब्यू को लेकर उत्साहित हैं। शर्मिला 60-70 के दशक में 'एन ईवनिंग इन पेरिस' (1967), 'आराधना' (1969), 'सत्यकाम' (1969), 'सफ़र' (1970), 'अमर प्रेम' (1971), 'छोटी बहू' (1971), 'दाग' (1973), 'चुपके-चुपके (1975), 'मौसम' (1975) जैसी सदाबहार फिल्मों में काम कर चुकी हैं।