'द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स': इरफान के साथ और फिल्में बनाने वाले थे निर्देशक अनूप सिंह
दिवंगत अभिनेता इरफान खान की आखिरी फिल्म 'द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स' 28 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। अनूप सिंह द्वारा निर्देशित यह फिल्म 2017 में स्विट्जरलैंड के लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई जा चुकी है। फिल्म को न सिर्फ समीक्षकों और प्रशंसकों से सराहना मिल रही बल्कि सितारों के अभिनय को भी काफी पसंद किया जा रहा है। हाल में निर्देशक ने इरफान के साथ अपनी अधूरी रही योजनाओं के बारे में बात की।
भारत में फिल्म नहीं बनाना चाहते निर्देशक
टाइम्स नाउ के साथ खास बातचीत के दौरान निर्देशक अनूप ने बताया कि वह इरफान के निधन के बाद भारत आकर कोई फिल्म नहीं बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा, "इरफान के गुजर जाने के बाद मैं वास्तव में कोई भी फिल्म करने के लिए भारत नहीं लौटना चाहता। हमने एक साथ कई फिल्मों की योजना बनाई थी और मैंने अब उन्हें सिर्फ इसलिए टाल दिया क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं उन्हें किसी और के साथ बना सकता हूं।"
फिल्म की रिलीज के बाद बदला मन
अपनी बात तो आगे बढ़ाते हुए अनूप ने कहा, "अब मैंने यह किया कि मेरी अगली फिल्म अफ्रीका में सेट है और वहां मैं जल्द ही शूटिंग करने जा रहा हूं।" उन्होंने कहा, "जब से द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स भारत में रिलीज हुई है, तब से मुझे भारत लौटने और एक और फिल्म बनाने की इच्छा हो रही है। यह भावना अब काफी मजबूत है और मैं यह देखने के लिए इंतजार करूंगा कि आगे क्या होता है।"
हमेशा सवाल पूछते थे इरफान- अनूप
अनूप ने इरफान के साथ फिल्म में काम करने के दिनों के याद करते हुए बताया कि कैसे अभिनेता हमेशा सवाल पूछते थे। उन्होंने कहा, "इरफान की जिन चीजों की मैं प्रशंसा करता था, उनमें से एक है हर चीज के बारे में उनकी जिज्ञासा की भावना।" उन्होंने कहा, "उन्हें लगता था कि वह सिनेमा, अपनी भूमिका और खुद के बारे में नहीं जानते थे और ऐसे में उनकी जिज्ञासा रहती थी, जो उन्हें बेहतरीन अभिनेता बनाती थी।"
शूटिंग के दौरान लोकेशन पर मौजूद रहते थे अभिनेता
अनूप ने बताया कि इरफान जब भी शूटिंग के लिए आते थे तो वैनिटी वैन में नहीं बैठते थे। वह हमेशा सबके साथ बाहर लोकेशन पर रहते, चाहे तेज धूप हो या शाम की कड़ाके की ठंड। उन्होंने कहा, "जब हम उनके साथ शूटिंग नहीं कर रहे थे, तब भी वह हमारे साथ थे। यह हमारे लिए बहुत ही उत्साहजनक था कि वह अपने काम के बाद भी यूं ही नहीं चले जाते थे।"
कैसी है 'द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स' की कहानी
'द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स' की कहानी राजस्थान की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह नूरन (गोलशीफते फरहानी) की कहानी है, जो बिच्छू के काटने का इलाज जड़ी-बूटी से करती है। इसके लिए वह मंत्र के रूप में एक गाना गाती है, जिसमें उसकी मां (वहीदा रहमान) उसका साथ देती है। नूरन से आदम (इरफान) को इकतरफा प्यार हो जाता है और लड़की की मां के गुम हो जाने के बाद वह उसे अपने साथ ले आता है।