'द एलिफेंट व्हिस्पर्स': बोम्मन और बेली ने निर्देशक पर लगाए गंभीर आराेप, मांगे 2 करोड़
गुनीत मोंगा की ऑस्कर पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्री 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। दरअसल, इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आए बोम्मन और बेली ने निर्माताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि निर्माताओं ने उनसे बहुत से वादे किए थे, जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में अब उन्होंने निर्देशक कार्तिकी गोंसाल्वेस को कानूनी नोटिस भेजकर उनसे 2 करोड़ रुपये की मांग की है।
निर्देशक पर लगाए ये आरोप
समाचार एजेंसी PTI को मिले कानूनी नोटिस के अनुसार, बोम्मन और बेली ने दावा किया है कि निर्माताओं ने उन्हें घर देने का वादा किया था। साथ ही एक गाड़ी और पर्याप्त आर्थिक मदद करने की भी बात कही गई थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। इसके अलावा फिल्म को मिली सफलता के बाद उसकी कमाई से कुछ हिस्सा देने की भी बात उनसे कही थी। हालांकि, यह तय नहीं हुआ था कि कितनी राशि किसके लिए दी जानी है।
सरकार से मिला पैसा भी दंपत्ति को नहीं मिला
कानूनी नोटिस में बोम्मन और बेली ने यह भी दावा किया कि उन्हें सभी मशहूर हस्तियों और नेताओं के सामने असली हीरो के रूप में पेश किया गया, जिससे निर्माताओं का प्रचार हुआ और उनके काम को भी पहचान मिली। हालांकि, दंपत्ति को उनके काम के लिए कोई वित्तीय मुआवजा नहीं मिला। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जो आर्थिक सहायता के लिए राशि मिली थी, उसे भी निर्माताओं ने ही हड़प लिया।
मिली थी इतनी राशि
जानकारी के मुताबिक, 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' को मिली सफलता के बाद तमिलनाडु सरकार ने बोम्मन और बेली को 1-1 लाख रुपये और कार्तिकी को राज्य सरकार से 1 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था।
निर्देशक ने कानूनी नोटिस का ये दिया जवाब
कार्तिकी ने फिल्म बनाते समय बोम्मन और बेली की पोती की शिक्षा के लिए उन्हें आर्थिक मदद देने का वादा किया था। हालांकि, अब वह उन्हें फिल्म के मुनाफे का एक अंश भी देने से इनकार कर रही हैं और फोन नहीं उठा रही हैं। दंपत्ति के वकील मोहम्मद मंसूर के मुताबिक, 4 दिन पहले उन्हें नोटिस का जवाब मिला, जिसमें निर्देशक ने यह कहते हुए आर्थिक सहायता से इनकार किया कि दंपत्ति को पहले ही पैसे मिल चुके हैं।
सभी आरोपों को बताया झूठा
कार्तिकी और प्रोडक्शन कंपनी सिख्या एंटरटेनमेंट ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है। उनका कहना है कि डॉक्यूमेंट्री बनाने का लक्ष्य हमेशा हाथी संरक्षण, वन विभाग, बोम्मन और बेली के प्रयासों को उजागर करना था। इससे जागरूकता बढ़ी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भी राज्य के हाथियों की देखभाल करने वाले 91 महावतों और कैवडियों की सहायता करने वालों के लिए घरों का निर्माण करने और अनामलाई टाइगर रिजर्व में एक हाथी शिविर विकसित करने के लिए दान दिया।
ऐसी थी 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' की कहानी
'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' तमिलनाडु के दंपत्ति बोम्मन और बेली की कहानी कहती है, जो दक्षिण भारत के मडुमलई नेशनल पार्क में अनाथ हाथियों की सेवा करते हैं। दंपत्ति को रघु नाम के एक घायल और अनाथ हाथी के बच्चे की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, जिसे बचाने के लिए वह हर संभव कोशिश में जुट जाते हैं। इंसान और जानवरों के बीच के प्यार को दिखाने वाली इस कहानी को लोगों ने काफी पसंद किया। यह नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।