क्या है सांप के जहर से जुड़ा पूरा मामला, जिसमें फंसे एल्विश यादव?
क्या है खबर?
सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहने वाले यूट्यूबर एल्विश यादव का 'सिस्टम' बिगड़ने वाला है। दरअसल, वह अपने वीडियो में बार-बार 'सिस्टम' शब्द बोलते दिखते हैं, लेकिन रविवार यानी 17 मार्च को उन्हें ऐसा झटका लगा कि उनका खुद का 'सिस्टम' अब गड़बड़ाता नजर आ रहा है।
दरअसल, सांपों के जहर की सप्लाई के मामले में एल्विश जेल में बंद हैं।
अब सांप के जहर से एल्विश के तार कैसे जुड़े, आइए पूरा मामला विस्तार से आपको बताते हैं।
परिचय
सबसे पहले एल्विश के बारे में जान लीजिए
एल्विश का असली नाम सिद्धार्थ था, लेकिन उनके बड़े भाई चाहते थे कि उनका नाम एल्विश हो। भाई की असामयिक मौत के बाद उन्होंने कुछ समय बाद अपना नाम एल्विश ही रख दिया।
हरियाणा के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ने के बाद एल्विश ने आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली के हंसराज कॉलेज में दाखिला लिया था।
यूट्यूब ने एल्विश को जल्द ही लोकप्रिय बना दिया। वह अपनी हरियाणवी बोली और फनी वीडियो के चलते युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं।
लरजलरज
...जब एक शो के दम पर रातों-रात बुलंदियों पर पहुंचे एल्विश
'बिग बॉस OTT 2' ने एल्विश को रातों-रात सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया था। वह विजेता बने तो देशभर में उनकी चर्चा होने लगी।
यहां तक कि हरियाणा के सियासी गलियारों में भी उन्हें सम्मान मिला, लेकिन यह सच है कि शोहरत पाने से ज्यादा मुश्किल शोहरत संभालना है। बस ऐसा ही हुआ एल्विश के साथ, जो कानून के शिकंजे में हैं और फिलहाल सलाखों के पीछे हैं।
चलिए अब बताते हैं आपको उनके गिरफ्तार होने की पूरी कहानी।
खुलासा
बीते साल 3 नवंबर को खुली थी एल्विश की पोल
बीते साल 3 नवंबर को पहली बार सांप के जहर से जुड़े मामले में एल्विश का नाम सामने आया था। पुलिस ने नोएडा सेक्टर 51 के सेवरोन बैंक्वेट हॉल से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया और एल्विश पर मामला दर्ज किया। आरोपियों के पास से 9 सांप बरामद किए गए थे, जिनमें 5 कोबरा थे।
सभी सांपों में वेनॉम ग्लैंड्स गायब थीं, जिसमें जहर होता है। आरोपियों के कब्जे से 20ml सांप का जहर भी बरामद किया गया था।
शिकायत
किसकी शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला?
भाजपा सांसद मेनका गांधी के NGO 'PFA' की शिकायत के आधार पर जांच के दौरान सांप बरामद किए गए थे।
NGO का आरोप था कि एल्विश दिल्ली और नोएडा के फार्म हाउस में वीडियो शूट कराते हैं और वहां रेव पार्टी होती है, जिसमें विदेशी लड़कियों को भी बुलाया जाता है।
3 नवंबर को नोएडा पुलिस ने PFA की शिकायत पर पार्टी में सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में FIR दर्ज की थी, जिसमें एल्विश भी आरोपी था।
सफाई
एल्विश ने खुद को बताया निर्दोष
छानबीन में पुलिस को पता चला कि एल्विश ही इस जहरीले रैकेट का मास्टरमाइंड हैं। पकड़े गए 5 आरोपियों ने भी बताया था कि एल्विश की पार्टियों में भी जहर से बने ड्रग्स का इस्तेमाल होता है।
फिर एल्विश ने इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो डाला और सफाई दी कि खामखां उन्हें बदनाम किया जा रहा है। उनका इस मामले से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
एल्विश ने कहा कि ये जो भी चल रहा है, सब फर्जी है।
ऑडियो
ऑडियो क्लिप से बढ़ीं मुश्किलें
उसी दौरान एक ऑडियो क्लिप भी सामने आया था, जिसमें एल्विश का नाम शामिल था।
दरअसल, उस ऑडियो में गिरफ्तार आरोपी राहुल यादव ने PFA के एक सदस्य को बताया था कि उसी ने एल्विश की पार्टी में ये ड्रग्स पहुंचाया था।
बस यहीं से एल्विश की मुश्किलें बढ़नी शुरु हो गई थीं।
इसके बाद नोएडा पुलिस ने उन्हें तलब किया था। फिर अधिकारियों ने कई घंटे तक उनसे पूछताछ की, जिसमें कई बातें एल्विश ने साफ नकार दी थीं।
शिकंजा
135 दिन बाद 17 मार्च को हुई एल्विश की गिरफ्तारी
पिछले 2 महीनों की जांच-पड़ताल और गहन छानबीन के बाद पुलिस ने एल्विश पर शिकंजा कसा था, जिसका नतीजा 17 मार्च को सामने आया।
दरअसल, 17 मार्च 2024 को नोएडा पुलिस ने NDPS अधिनियम 1985 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत एल्विश को गिरफ्तार कर लिया।
फिर पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने एल्विश को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
विशेषज्ञों के मुताबिक, आमतौर पर सांप का जहर व्यक्ति को या तो अपंग कर देता है या उसकी मौत की वजह बनता है। इस जहर का इस्तेमाल करते समय अगर डोज में हल्की सी भी चूक होती है तो यह सीधा मौत का कारण बन सकता है।
इस नशा को लेने के 2 तरीके होते हैं। पहला सीधा सांप से डसवाकर और दूसरा इंजेक्शन के जरिए। इस नशे का इंसान के शरीर पर 3-4 हफ्तों तक असर रह सकता है।