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'स्वतंत्र वीर सावरकर' का ट्रेलर जारी, खूब जंचे रणदीप हुड्डा
'स्वतंत्र वीर सावरकर' का ट्रेलर जारी

'स्वतंत्र वीर सावरकर' का ट्रेलर जारी, खूब जंचे रणदीप हुड्डा

लेखन पलक
Mar 04, 2024
09:42 pm

क्या है खबर?

अलग-अलग किरदारों के लिए सुर्खियों में रहने वाले रणदीप हुड्डा इस बार पर्दे पर स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। अभिनेता उनकी जिंदगी को फिल्म 'स्वतंत्र वीर सावरकर' से पर्दे पर उतारने वाले हैं। फिल्म कभी अपने कलाकारों तो कभी विवादों के चलते ऐलान के बाद से ही चर्चा में रही है। आज (4 मार्च) फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है, जिसमें रणदीप का जानदार अभिनय देखने को मिला है।

ट्रेलर

सावरकर की विचारधारा की दिखी झलक

'स्वतंत्र वीर सावरकर' के ट्रेलर में सावरकर की जिंदगी को करीब से दिखाया गया है। इसमें आजादी की लड़ाई में सावरकर के योगदान को दर्शाने की कोशिश की गई है। ट्रेलर में उनके द्वारा गांधी जी की विचारधारा का विरोध भी दिखाया गया है। सावरकर की सोच ऐसी थी कि अगर गांधी जी अहिंसावादी नहीं होते तो देश बहुत पहले ही आजाद हो जाता। इसमें सावरकर को काला पानी जेल में दी गई प्राताड़नाओं की भी झलक दिखाई गई है।

अदाकारी

रणदीप की दमदार अदाकारी

ट्रेलर में रणदीप ने एक बार फिर अपने अभिनय से जान फूंकने का काम किया है। उन्होंने अपने दमदार अभिनय से एक बार फिर तालियां बजाने को मजबूर किया है। ट्रेलर में सावरकर की भूमिका में हुड्डा का अभिनय और दमदार डायलॉग रोमांच पैदा करने वाले हैं। इसमें आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों के बलिदानों को करीब से दिखाया गया है। अंकिता भी अपने किरदार में जचीं हैं। बता दें, अभिनेत्री फिल्म में बतौर फीमेल लीड काम कर रही हैं।

निर्देशन

फिल्म से निर्देशन की दुनिया में कदम रखेंगे अभिनेता

'स्वतंत्र वीर सावरकर' में रणदीप मुख्य भूमिका निभाने के साथ ही बतौर निर्देशक भी इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। महेश मांजरेकर के फिल्म से किनारा करने के बाद रणदीप ने यह जिम्मेदारी संभाली है। फिल्म में उनके साथ अंकिता लोखंडे, मार्क बेनिंगटन और अमित सियाल भी नजर आएंगे। यह फिल्म 22 मार्च, 2024 को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। बता दें, यह मराठी और हिंदी में रिलीज हो रही है।

परिचय

कौन थे वीर सावरकर?

सावरकर की छवि भारतीय राजनीति में सबसे विवादास्पद हस्तियों में रही है। दावा तो यह भी किया जाता है कि महात्मा गांधी की हत्या में साजिश रचने में भी उनका हाथ था। भारत को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर का रवैया क्रांतिकारी था। जहां बाकी सभी अन्य धर्मों को साथ लेकर चलने की सोच रखते थे वह हिंदुत्तव विचारधारा के नेता थे। 1910 में अंग्रेजों ने उन्हें काला पानी जेल भेज दिया था।