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'या अली' गाने वाले मशहूर गायक जुबीन गर्ग की मौत, स्कूबा डाइविंग के दौरान गई जान
मशहूर गायक जुबीन गर्ग की मौत (तस्वीर: इंस्टाग्राम/@zubeen.garg)

'या अली' गाने वाले मशहूर गायक जुबीन गर्ग की मौत, स्कूबा डाइविंग के दौरान गई जान

Sep 19, 2025
04:07 pm

क्या है खबर?

मनोरंजन जगत से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग करते हुए असम के राॅकस्टार कहे जाने वाले मशहूर गायक जुबीन गर्ग की मौत हो गई है। वो 52 साल के थे। उनके जाने से संगीत की दुनिया में मातम पसर गया है। उनकी मौत की खबर ने लोगों को हैरान कर दिया है, वहीं प्रशंसक सकते में हैं। असमिया संगीत उद्योग में जुबीन ने अपना बड़ा योगदान दिया था।

श्रद्धांजलि

असम ने अपनी धड़कन खो दी- अशोक सिंघल

असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल ने जुबीन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हमारे प्रिय ज़ुबीन गर्ग के असामयिक निधन से गहरा दुख हुआ। असम ने न केवल एक आवाज, बल्कि एक धड़कन भी खो दी है। ज़ुबhन दा एक गायक से कहीं बढ़कर थे। वो असम और राष्ट्र के गौरव थे, जिनके गीतों ने हमारी संस्कृति, हमारी भावनाओं और हमारी आत्मा को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया।'

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लोकप्रियता

इस हिंदी गाने से हुए देशभर में मशहूर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गायक सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग का आनंद ले रहे थे, तभी वो समुद्र में गिर गए। हालांकि, उन्हें बाहर निकाल लिया गया और ICU में भर्ती कराया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई। गायक को 19 सितंबर को सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में प्रस्तुति देनी थी। साल 2006 में जुबीन ने कंगना रनौत की फिल्म 'गैंगस्टर' का गाना 'या अली' गाया। इस चार्टबस्टर की सफलता ने उन्हें देशभर में प्रसिद्धि दिलाई थी।

योगदान

जुबीन ने 30 से ज्यादा भाषाओं में गाए गाने

जुबीन का जन्म 18 नवंबर, 1972 को असम के जोरहाट में हुआ था। वो बचपन से ही संगीत के बेहद शौकीन रहे। असमिया और बंगाली संगीत जगत में उन्हें एक सुपरस्टार सिंगर और म्यूजिक कंपोजर माना जाता है। उन्होंने 30 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाए और अपने अनोखे अंदाज से लोगों का दिल जीत लिया। असमिया सिनेमा में उनका योगदान इतना बड़ा है कि उन्हें अक्सर 'असम का रॉकस्टार' कहा जाता है

समाज सेवा

समाज सेवा में भी सक्रिय थे जुबीन

जुबीन ने ऋतिक रोशन की फिल्म 'कृष 3' का गाना 'दिल तू ही बता', फिल्म 'प्यार के साइड इफेक्ट्स' का 'जाने क्या चाहे मन बावरा' और कई अन्य हिट गाने गाए। जुबीन की आवाज में एक अलग खनक और दर्द था, जिसने श्रोताओं को हमेशा मंत्रमुग्ध किया। संगीत के अलावा जुबीन समाज सेवा में भी सक्रिय थे। वो असम की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने और युवाओं को अपने क्षेत्रीय संगीत से जोड़ने के लिए लगातार काम करते रहे।