शिल्पा शेट्टी पहुंचीं बॉम्बे हाई कोर्ट, अपनी तस्वीरों के गलत इस्तेमाल पर लगाई ये गुहार
क्या है खबर?
अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अपनी तस्वीरों के गलत इस्तेमाल के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया और अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर उनकी तस्वीरें बिना अनुमति के इस्तेमाल की जा रही हैं, जिससे उनकी निजता और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। अभिनेत्री ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि उनकी तस्वीर का गलत इस्तेमाल रोका जाए और जो भी इसे कर रहा है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
गुहार
शिल्पा ने कोर्ट से मांगी सुरक्षा
शिल्पा ने कोर्ट में एक केस दायर किया है, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की है। उनकी वकील सना रईस के मुताबिक, अभिनेत्री ने सालों की मेहनत और काम से अपना नाम और पहचान बनाई है। कोई भी व्यक्ति या कंपनी उनकी अनुमति के बिना उनका नाम या तस्वीर इस्तेमाल नहीं कर सकती। बता दें कि याचिका में शिल्पा की तरफ से कई वेबसाइटाें के नाम दिए गए हैं, जिन्होंने उनकी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया।
बयान
ये अभिनेत्री की मेहनत और प्रतिष्ठा पर हमला- वकील
वकील ने कहा, "शिल्पा की पहचान का बिना अनुमति व्यावसायिक इस्तेमाल उनकी मेहनत और प्रतिष्ठा पर हमला है। कोई भी प्लेटफॉर्म उनके नाम या तस्वीर का गलत फायदा नहीं उठा सकता। इसे रोकने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, ताकि उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल न हो और उनके व्यक्तित्व अधिकार सुरक्षित रहें।" रिपोर्ट के मुताबिक, जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनमें 27 व्यक्ति/प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
राहत
इन सितारों काे मिल चुकी राहत
बता दें कि हाल ही में ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने आशा भोसले और सुनील शेट्टी को व्यक्तित्व अधिकारों के तहत राहत थी। पिछले दिनों अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय, ऋतिक रोशन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी। उनसे पहले जाने-माने गायक कुमार सानू और करण जौहर और नागार्जुन भी ये मांग लेकर हाई कोर्ट पहुंचे थे। अब जल्द ही शिल्पा की याचिका पर सुनवाई हो सकती है।
व्यक्तित्व अधिकार
क्या होते हैं पर्सनैलिटी राइट्स?
पर्सनैलिटी राइट्स या व्यक्तित्व अधिकार किसी व्यक्ति के नाम, तस्वीर, आवाज और पहचान की रक्षा करते हैं और बिना अनुमति उनके इस्तेमाल को रोकते हैं। ये 2 तरह के होते हैं। एक 'राइट ऑफ पब्लिसिटी', जो किसी की छवि या पहचान का अनधिकृत व्यावसायिक इस्तेमाल रोकता है। दूसरा होता है 'राइट टू प्राइवेसी', जो किसी की निजी जानकारी और पहचान का बिना अनुमति इस्तेमाल रोकता है। ये अधिकार भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार, आर्टिकल 21 के तहत आते हैं।