फिल्म 'रॉकेट्री' के लिए शाहरुख और सूर्या ने कोई फीस नहीं ली- आर माधवन
अभिनेता आर माधवन इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'रॉकेट्री' के प्रमोशन में व्यस्त हैं। यह फिल्म 1 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के वैज्ञानिक नांबी नारायणन और उन पर लगे झूठे आरोपों की कहानी है। इस फिल्म में सुपरस्टार शाहरुख खान और सूर्या कैमियो कर रहे हैं। अब माधवन ने बताया है कि इन दोनों ने ही फिल्म में अपनी भूमिका के लिए कोई फीस नहीं ली।
शाहरुख, सूर्या ने नहीं लिए पैसे
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माधवन ने बताया कि शाहरुख और सूर्या ने न तो फीस ली न अपने कारवैन, कॉस्ट्यूम और सहायकों के पैसे लिए। सूर्या ने अपने अनुवादक के भी पैसे नहीं लिए जो उनके डायलॉग्स का तमिल अनुवाद कर रहे थे। माधवन ने बताया कि उन्होंने 2018 में 'जीरो' की शूटिंग के वक्त शाहरुख से फिल्म के बारे में चर्चा की थी। इसके बाद शाहरुख ने फिल्म का हिस्सा बनने की इच्छा जाहिर की थी।
अमिताभ बच्चन और प्रियंका चोपड़ा की भी तारीफ की
माधवन ने अपने बयान में प्रियंका चोपड़ा और अमिताभ बच्चन को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से अच्छे लोग हैं, लेकिन मैं बाहरी हूं। मुझे यहां बहुत प्यार और साथ मिला है। मेरे एक निवेदन पर अमित जी और प्रियंका चोपड़ा ने फिल्म के समर्थन में ट्वीट कर दिया। मैं यहां मिले प्यार और सम्मान के लिए आभारी हूं।" मुख्य अभिनेता के साथ ही माधवन इस फिल्म के लेखक, निर्माता और निर्देशक भी हैं।
फिल्म के बारे में खास बातें
आर माधवन की फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' लंबे समय से सुर्खियों में है। पहले यह फिल्म 1 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, और मलयालम भाषाओं में रिलीज होगी। इस फिल्म की शूटिंग भारत, जॉर्जिया, रूस और फ्रांस जैसे देशों में की गई है। दर्शकों को फिल्म का बेसब्री से इंतजार है। इसके जरिए मशहूर साइंटिस्ट नांबी नारायणन के जीवन की सच्चाई देखने को मिलेगी।
कौन हैं नारायणन नांबी?
नारायणन नांबी ISRO के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, जो कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। साल 1994 में उन पर जासूसी करने का आरोप लगा और उन्हें गिरफ्तार किया गया। बाद में CBI ने उनको निर्दोष बताया था। इसके बाद नारायणन ने उन पर झूठे आरोप लगाने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और एक लंंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उनको मिली मानसिक यातनाओं, उनकी कानूनी लड़ाई और विज्ञान के क्षेत्र को हुई क्षति को दिखाती है फिल्म।
न्यूजबाइट्स प्लस
गिरफ्तारी के दौरान नारायणन को काफी यातनाएं दी गई थीं। बेकसूर साबित नहीं होने तक उन्हें गद्दार कहा जाने लगा था। मामले में फैसला आने के बाद साल 2019 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।