मां आनंद शीला पर बनी डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर जारी, रिलीज डेट भी आई सामने
ओशो रजनीश के करीबियों में से एक रहीं उनकी पूर्व सहयोगी मां आनंद शीला पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'सर्चिंग फॉर शीला' लंबे समय से चर्चा में है। दर्शक पिछले काफी समय से इसके ट्रेलर की राह देख रहे थे और अब आखिरकार उनका यह इंतजार खत्म हो गया है। डॉक्यूमेंट्री का सह-निर्माण कर रहे करण जौहर ने सोशल मीडिया पर ट्रेलर शेयर कर फैंस को इसकी जानकारी दी है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या है और इसका ट्रेलर कैसा है।
22 अप्रैल को रिलीज होगी डॉक्यूमेंट्री- करण जौहर
करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर शेयर करते हुए लिखा, 'आपने उन्हें देखा है, आपने उन्हें सुना है, आपने उनके बारे में जरूर सुना होगा। अब वह अपनी कहानी सुनाने के लिए खुद आ गई हैं।' इस पोस्ट में करण ने यह भी बताया कि 'सर्चिंग फॉल शीला' 22 अप्रैल को दर्शकों के बीच आएगी। इसी के साथ मां आनंद शीला के जीवन से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठ जाएगा।
यहां देखिए ट्रेलर
ट्रेलर में दिखाई गई हैं मां आनंद शाीला के जीवन की झलकियां
ट्रेलर में शीला के जीवन की झलकियां दिखाई गई हैं। शुरुआत ओशो रजनीश की क्लिप से होती है जिसमें वह कह रहे हैं कि जो लोग गुनाह नहीं करते, वे इस तरह भागते नहीं। इसके बाद शीला के भारत लौटने का फुटेज दिखाया गया है। उनके पुराने विजुअल्स भी डॉक्यूमेंट्री में दिखाए गए हैं और बताया गया है कि उन पर धोखाधड़ी और हत्या के प्रयास का आरोप लगे थे। बीच में ओशो बोलते हैं कि शीला एक कातिल हैं।
जानिए कौन हैं मां आनंद शीला
मीडिया की खबरों के मुताबिक, मां आनंद शीला का असली नाम शीला अंबालाल पटेल है। 18 साल की उम्र में शीला अमेरिका पढ़ने के लिए गईं और वहीं पर शादी कर ली। 1972 में आध्यात्मिक अध्ययन के लिए शीला अपने पति के साथ भारती लौटीं और दोनों पति-पत्नी ओशो के शिष्य बन गए। शीला 39 महीने जेल में बिताने के लिए भी मजबूर हुईं थीं। अमेरिका में ओशो के आश्रम में शीला पर कई किस्म के आरोप भी लगे थे।
ओशो की डॉक्यूमेंट्री में भी मां आनंद शीला ने बटोरी थीं सुर्खियां
ओशो के जीवन पर बनी नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' 2018 में रिलीज हुई थी जिसमें मां आनंद शीला के बारे में विस्तार से बताया गया था। 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' में ओशो के आश्रम में रहने वाले कई शिष्यों का इंटरव्यू है। इसमें ओशो के बाद यदि किसी कैरेक्टर को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई है तो वह हैं मां आनंद शीला। डॉक्यूमेंट्री को बनाने से पहले निर्माताओं ने मां शीला का पांच दिन इंटरव्यू लिया था।