गंगूबाई काठियावाड़ी: मानहानि मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक
संजय लीला भंसाली और आलिया भट्ट की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' लंबे समय से सुर्खियों में है। पिछले कुछ समय से यह फिल्म कहानी को लेकर विवादों में थी। दरअसल, एक शख्स ने भंसाली, उनकी कंपनी और आलिया के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी कार्रवाई स्थानीय कोर्ट द्वारा की जा रही थी। अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने मानहानि केस की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाने का निर्देश दिया है। आइए जानते हैं और क्या जानकारी मिली है।
अगली सुनवाई तक नहीं होगी कोई कार्रवाई
फिल्म को लेकर दायर शिकायत के संबंध में भंसाली और आलिया को राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सुनवाई की अगली तारीख 7 सितंबर तक अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने 10 अगस्त को पास किए गए ऑर्डर में कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसी से संबंधित घटनाक्रम में हाईकोर्ट की एक अन्य पीठ ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
किसने दर्ज कराई थी शिकायत?
बाबूजी शाह नामक एक व्यक्ति ने यह शिकायत दर्ज कराई थी। शाह ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि वह गंगूबाई काठियावाड़ी के दत्तक पुत्र हैं यानी गंगूबाई ने उन्हें गोद लिया था। उन्होंने कहा था कि यह फिल्म 'द माफिया क्वींस ऑफ मुंबई' उपन्यास पर आधारित है। शाह के मुताबिक, उपन्यास में कही गईं कुछ बातें अपमानजनक हैं, जो गंगूबाई काठियावाड़ी की छवि को धूमिल और यह उनके निजता के अधिकार का भी हनन करती है।
'गंगूबाई काठियावाड़ी' के लिए पहली बार भंसाली के साथ आईं आलिया
आलिया भट्ट ने पहली बार फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में संजय लीला भंसाली के साथ काम किया है। यह फिल्म हुसैन जैदी की लिखी गई किताब 'माफिया क्वीन ऑफ मुंबई' पर आधारित है। जैदी ने अपनी इस किताब में गुजरात के काठियावाड़ी की एक लड़की गंगा हरजीवनदास की जिंदगी के कई परतों को खोला है। इसमें उन्होंने कई झकझोर देने वाले हादसों का भी जिक्र किया है। इस फिल्म में आलिया ने गंगूबाई का किरदार निभाया है।
जानिए कौन थीं गंगूबाई
लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के मुताबिक गंगूबाई गुजरात की रहने वाली थीं। वह एक अभिनेत्री बनना चाहती थीं। गंगूबाई को उनके पिता के अकाउंटटेंट से प्यार हो गया था। उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर उससे शादी की और भागकर मुंबई आ गईं, लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। गंगूबाई के पति ने धोखा देकर महज 500 रुपये में उन्हें कोठे पर बेच दिया था।