'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' रिव्यू: करण जौहर की फिल्म में चला रणवीर-आलिया का जादू
करण जौहर के निर्देशन में बनी फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' ने आज सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। इस फिल्म के जरिए करण ने बतौर निर्देशक 7 साल बाद वापसी की है तो आलिया भट्ट और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में नजर आए हैं। दोनों की जोड़ी इससे पहले 'गली ब्वॉय' में साथ नजर आई थी और ऐसे में प्रशंसक उन्हें फिर से साथ देखने के लिए उत्सुक थे। आइए जानते हैं कि कैसी है फिल्म।
पंजाबी लड़के और बंगाली लड़की की प्रेम कहानी
'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' की 2 ऐसे लोगों की कहानी है, जो एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। एक ओर दिल्ली का पंजाबी लड़का रॉकी रंधावा (रणवीर) है, जो शहर के बड़े मिठाई कारोबार वाले परिवार से आता है तो दूसरी ओर न्यूज एंकर रानी चटर्जी (आलिया) बंगाली परिवार से ताल्लुक रखती है। दोनों अपने दादा (धर्मेंद्र) और दादी (शबाना आजमी) की अधूरी लव स्टोरी को मुकम्मल करने के लिए मिलते हैं, लेकिन एक-दूसरे पर दिल हार जाते हैं।
परिवारों के चलते कहानी में आया ट्विस्ट
एक ओर रॉकी और रानी का प्यार परवान पर चढ़ रहा है तो उनका परिवार ही उनके लिए परेशानी बन जाता है। दोनों जानते हैं कि उनके परिवारों के बीच में कोई मेल नहीं है और इसलिए वे उन्हें समझने के लिए 3 महीने एक-दूसरे के घर जाकर रहने का फैसला लेते हैं। इन दौरान उनके रिश्ते में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। अब उनकी मोहब्बत को मुकाम मिलेगा या नहीं, यह देखने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा।
रणवीर और आलिया का कमाल
रणवीर मस्तमौला रॉकी के किरदार को बखूबी निभाने में सफल रहे हैं तो आलिया भी हर बिंदु पर खरी उतरी हैं, वहीं इमोशनल सीन में दोनों दिल जीत लेते हैं। हालांकि, फिल्म में कुछ जगहों पर ऐसा महसूस होता है कि 'गली ब्वॉय' के रणवीर और आलिया को डिजाइनर कपड़े पहनाकर पर्दे पर लाया गया है। कुछ जगहों पर ओवरएक्टिंग का एहसास होता है, लेकिन वे ज्यादा परेशान नहीं करते। कुल मिलाकर स्क्रीन पर दोनों की जोड़ी कमाल लगती है।
जया, शबाना और धर्मेंद्र जैसे मंझे हुए कलाकारों ने डाली जान
फिल्म में जया बच्चन ने रॉकी की दादी का किरदार निभाया है, जो एक कड़क सास और मां की भूमिका में शानदार लगती हैं। जया 'कभी खुशी कभी गम' और 'कल हो ना हो' में अपने किरदारों से एकदम अलग दिखी है, जो बढ़िया लगता है। धर्मेंद्र स्क्रीन पर कमाल के लगते हैं, लेकिन फिल्म में उनके बमुश्किल से दो संवाद हैं। हालांकि, शबाना आजमी के साथ उनके रोमांटिक सीन मजेदार हैं और दोनों अपने प्रदर्शन से निराश नहीं करते।
इन्होंने भी किया अच्छा प्रदर्शन
रानी के माता-पिता बने चूर्णी गांगुली और तोता रॉय चौधरी का काम बेहतरीन है तो आमिर बशीर और श्रीति जोग पंजाबी माता-पिता के किरदार को बखूबी निभाने में सफल रहे हैं। इनके अलावा अंजलि आनंद की भी स्क्रीन पर उपस्थिति शानदार लगती है।
ऐसी रही करण की वापसी
इस फिल्म के साथ करण ने एक नई सोच को सबके सामने पेश करने की कोशिश की है। फिल्म लव स्टोरी के साथ ही महिला सशक्तिकरण, लिंगभेद और बॉडी शेमिंग सहित कई मुद्दों पर बात करती है। करण जानते हैं कि पर्दे पर क्या खूबसूरत दिखता है और ऐसे में उन्होंने फिल्म को शानदार लोकेशन पर शूट किया तो सितारों के कपड़ों का खास ध्यान रखा है। इन्हीं सबकी वजह से फिल्म बड़े पर्दे पर शानदार दिखती है।
गानों ने लगाए चार चांद
प्रीतम का संगीत, अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल समेत बेहतरीन गायकों की आवाज से सजे फिल्म के गाने 'तुम क्या मिले', 'झुमका', 'वे कमलिया' ने इसमें चार चांद लगा दिए हैं। फिल्म में धर्मेंद्र और शबाना के लिए 'अभी न जाओ छोड़ के' समेत कई बार पुराने और यादगार गानों का इस्तेमाल हुआ है, जो बेहद खूबसूरत लगते हैं। फिल्म की भव्यता और संगीत ही इसके जबरदस्त पहलू हैं, जिनसे बड़े पर्दे पर फिल्म देखने का शानदार अनुभव मिलता है।
यहां खली है कमी
फिल्म की जो बात खटकती है, वो यह है कि लगभग 3 घंटे की इस फिल्म का अंत क्या होगा, इसका अनुमान आप पहले ही लगा लेते हैं। ऐसे में यह अंत तक दर्शकों का ध्यान बांधे रखने में विफल रहती है और लगता है कि इसकी अवधि को कम किया जा सकता है। इससे अलग आलिया का बंगाली बोलने का तरीका थोड़ा भी अटपटा लगता है।
ऐसी रही सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग
शशांक खेतान, सुमित रॉय और इशिता मोइत्रा द्वारा लिखित फिल्म में कई सीन ऐसे हैं जहां आपको हंसी आएगी तो कुछ बेवजह के लगते हैं। मानुष नंदन की सिनेमैटोग्राफी बढ़िया है तो नितिन बैद एडिटिंग में अपना हाथ थोड़ा कस सकते थे।
क्यों देखें और क्यों न देखें?
क्यों देखें?- यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं। यह आपका भरपूर मनोरंजन भी करेगी। अगर आप करण, रणवीर या आलिया के प्रशंसक हैं तो फिर एक बार सिनेमाघर में जाकर फिल्म देखना तो बनता है। क्यों न देखें? अगर आपको फैमिली ड्रामा देखना अच्छा नहीं लगता तो 'रॉकी और रानी की कहानी' को छोड़ा जा सकता है। न्यूजबाइट्स स्टार- 3/5