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'रात अकेली है 2' रिव्यू: क्राइम थ्रिलर पर नेटफ्लिक्स का दांव, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बढ़ाया रोमांच

'रात अकेली है 2' रिव्यू: क्राइम थ्रिलर पर नेटफ्लिक्स का दांव, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बढ़ाया रोमांच

Dec 19, 2025
05:30 pm

क्या है खबर?

अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी पिछले काफी समय से फिल्म 'रात अकेली है' के दूसरे भाग 'रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स' को लेकर चर्चा में हैं। अब आखिकार उनकी ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। हनी त्रेहान के निर्देशन में बनी इस फिल्म को स्मिता सिंह ने लिखा है। चित्रांगदा सिंह, रजत कपूर, राधिका आप्टे और संजय कपूर भी इस क्राइम थ्रिलर फिल्म का हिस्सा हैं। यहां पढ़िए रिव्यू और जानिए क्या खास है 'रात अकेली है 2' में

कहानी

डरावनी घटनाओं और हत्याकांड की कहानी

फिल्म बंसल परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो मीडिया जगत में काफी मशहूर है। एक दिन घर में जानवर का कटा सिर मिलता है और अगले ही दिन पूरे परिवार की हत्या हो जाती है। बंसल परिवार के रहस्यमय हत्याकांड के जटिल मामले की जांच इंस्पेक्टर जटिल यादव (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) को सौंपी जाती है। अब सवाल उठता है कि ये हत्या की किसने? क्या कोई परिवार का दुश्मन है या फिर किसी करीबी ने ये कांड किया है?

मर्डर मिस्ट्री

पहले ही फ्रेम से पकड़ बना लेती है फिल्म

शुरुआत में ये केस बड़ा साधारण लगता है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, अमीरी के पीछे छुपी संकीर्ण सोच, हवेली के बंद दरवाजे और दबी हुई सच्चाइयां धीरे-धीरे सामने आती हैं। ये फिल्म एक दमदार मर्डर मिस्ट्री है, जो पहले ही फ्रेम से आपको बांधे रखती है। हर मोड़ पर नए ट्विस्ट और किरदार आते हैं और अंत तक पता नहीं चलता कि असली हत्यारा कौन है। मौत का रहस्य जानना है तो नेटफ्लिक्स पर ये फिल्म जरूर देखें।

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एक्टिंग

फिल्म की असली ताकत बना नवाजुद्दीन का किरदार

नवाज़ुद्दीन फिल्म में इंस्पेक्टर जटिल यादव के किरदार में पूरी सादगी और ईमानदारी के साथ नजर आते हैं। न ज्यादा नाटक, ना ही बेकार की हीरोपंती। वो एक थके हुए पुलिस अफसर के रूप में दिखते हैं, जो सच की तलाश में सिस्टम और अपनी निजी जिंदगी से जूझ रहा है। नवाजुद्दीन अपने किरदार में इतने डूबे दिखते हैं कि उनका हर भाव सीधे दिल में उतर जाता है। नवाज़ुद्दीन का दमदार, सधा हुआ अभिनय इस फिल्म की जान है।

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सहायक किरदार

सहायक कलाकार भी चमके

चित्रांगदा ने एक दुखी और टूटी हुई मां का किरदार पूरी शिद्दत से निभाया, वहीं दीप्ति नवल, गुरू मां के किरदार में कमाल कर गई हैं, ऐसा रोल उन्होंने पहले कभी नहीं किया। ईला अरुण नवाज़ुद्दीन की मां के रूप में दिल छू जाती हैं। राधिका आप्टे का काम अच्छा है, रोल छोटा लेकिन असरदार। संजय कपूर छोटे हिस्से में भी छाए हुए हैं। रजत कपूर हमेशा की तरह भरोसेमंद, और अखिलेंद्र मिश्रा SP के रूप में पूरी तरह फिट।

निर्देशन

फिल्म का निर्देशन, लेखन और सिनेमैटोग्राफी

निर्देशन में हनी त्रेहन ने कमाल किया है। फिल्म की वास्तविक शैली, कसा हुआ स्क्रीनप्ले और सधी हुई सिनेमैटोग्राफी इसे खास बनाती हैं। बैकग्राउंड स्कोर कहानी का मूड बनाए रखता है, लेकिन हावी नहीं होता। सस्पेंस पैदा करने के लिए कोई बनावटी मोड़ नहीं हैं। कहानी धीरे-धीरे खुलती है और दर्शक सोचने का समय पाते हैं। सिनेमैटोग्राफी संयमित है। अंधेरा, सन्नाटा और ठहरे हुए दृश्य माहौल को गंभीर और सस्पेंस भरा बनाते हैं। हालांकि, इसका संगीत कहानी जितना दमदार नहीं।

निष्कर्ष

फिल्म देखें या ना देखें?

क्यों देखें?- अगर आप सस्पेंस, रहस्य और थ्रिल का मजा लेना चाहते हैं तो ये फिल्म आपके लिए बनी है। नवाज़ुद्दीन का अभिनय तो जैसे खुद स्क्रीन पर जिंदा हो गया हो। फिल्म का हर किरदार अपनी जगह पर असर छोड़ता है और कहानी को मजबूती देता है। क्यों न देखें?- अगर धीमी रफ्तार वाली गंभीर या सस्पेंस से लबरेज फिल्में नापसंद हों, तेज-तर्रार एक्शन या कॉमेडी चाहिए तो 'रात अकेली है 2' आपके लिए नहीं है। न्यूजबाइट्स स्टार- 4/5

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