90 के दशक के चर्चित विलेन और लोकप्रिय मलयालम अभिनेता रिजाबावा का निधन
मलयालम सिनेमा जगत से एक बुरी खबर आई है। दरअसल, मलयालम फिल्मों में विलेन बनकर मशहूर हुए अभिनेता रिजाबावा नहीं रहे। उन्होंने तीन दशक से अधिक समय तक दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया, लेकिन 54 वर्ष की उम्र में रिजाबावा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके जाने पूरी मलयालम इंडस्ट्री में शोक की लहर है। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। आइए जानते हैं और क्या जानकारी मिली है।
निर्देशक शाजी कैलास ने कहा- मैंने एक बहुत अच्छा दोस्त और इंसान खो दिया
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 13 सितंबर, 2021 को रिजाबावा ने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से लड़ रहे थे। कोचीन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। रिजाबावा की पहली फिल्म का निर्देशन करने वाले जाने-माने निर्देशक शाजी कैलास ने अभिनेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "हम नियमित रूप से बातचीत करते रहते थे। मैंने एक अच्छा दोस्त और सबसे बढ़कर एक बहुत अच्छा इंसान खो दिया है।"
सितारो ने दी रिजाबावा कोa श्रद्धांजलि
रिजाबावा के निधन पर एक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन, सुरेश गोपी सहित कई हस्तियों ने अपने सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त किया है। पृथ्वीराज ने लिखा, 'भगवान आपकी आत्मा को शांति दे।' मशहूर मलयालम अभिनेता इनोसेंट ने कहा, "रिजाबावा सिर्फ विलेन की भूमिका ही अच्छी नहीं निभाते थे, बल्कि वह एक बहुत अच्छे अभिनेता भी थे। वह किसी भी भूमिका में पूरी तरह से जान फूंक देते थे। रिजाबावा एक बहुत अच्छे इंसान थे और साथ ही एक बेहतरीन कलाकार भी।"
'कर्मयोगी' के लिए रिजाबावा को मिला सर्वश्रेष्ठ डबिंग अभिनेता का पुरस्कार
रिजाबावा ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। उनकी पहली मलयालम फिल्म 'डॉ पासुपति' थी। 'हरिहर नगर' रिजाबावा की दूसरी फिल्म थी। इसमें उन्होंने जॉन होनाई की भूमिका अदा की थी। इस फिल्म रिलीज के 31 सालों के बाद भी रिजाबावा को फिल्म में उनकी नकारात्मक भूमिका के लिए सराहा जाता है। रिजाबावा ने 'भूमिका', 'कालरी', 'कबूलीवाला', 'सरोवरम' सहित कई फिल्मों में काम किया। 2010 में उन्हें फिल्म 'कर्मयोगी' के लिए सर्वश्रेष्ठ डबिंग अभिनेता का पुरस्कार मिला था।
टीवी जगत में भी कमाया नाम
मलयालम फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले रिजाबावा ने टीवी की दुनिया में भी खूब काम किया। पिछले 10 सालों से वह फिल्मी जगत में सक्रिय नहीं थे। इसकी वजह थी कि उनका पूरा फोकस उनके टेलीविजन धारावाहिकों पर था। उन्होंने 'नमम जपपीकुना विदु', 'शिवकमी' जैसी कई धारावाहिक किए। फिल्मों के साथ टीवी इंडस्ट्री में उन्होंने अपनी एक खास पहचान बनाई। नायक के रूप में अपनी शुरुआत करने वाले रिजाबावा ने विलेन बन दर्शकों का दिल जीत लिया।