सेंसर बोर्ड में भ्रष्टाचार को लेकर प्रसून जोशी पर भड़के पहलाज निहलानी, इस्तीफे की मांग
क्या है खबर?
जब से तमिल अभिनेता विशाल ने सेंसर बोर्ड पर घूसखोरी का आरोप लगाया है, फिल्म जगत में यह मामला गरमाया हुआ है।
विशाल ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपनी फिल्म 'मार्क एंटनी' की रिलीज के लिए सेंसर बोर्ड को 6.5 करोड़ रुपये देने पड़े।
इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं।
सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने प्रसून जोशी को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।
बयान
सिर्फ अपने पद का आनंद ले रहे हैं प्रसून जोशी- निहलानी
ई टाइम्स से बातचीत में निहलानी ने प्रसून पर कई आरोप लगाए।
निहलानी ने कहा, "अपने कार्यकाल में प्रसून इन बातों पर ध्यान दिए बिना सिर्फ अपने पद का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने सारे अधिकार CEO को दे रखे हैं। CEO फिल्म नहीं देख सकता है। उसे सिर्फ प्रशासनिक काम देखने होते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि यह सरकार की गलती है कि अध्यक्ष ऑफिस नहीं आते हैं।"
आरोप
निहलानी ने प्रसून जोशी पर लगाए आरोप
निहलानी ने आरोप लगाया, "अगर कोई बड़ी फिल्म होती है तो वह फाइल मंगा लेते हैं और सर्टिफिकेट पर साइन कर देते हैं। यह सही तरीका नहीं है। छत के नीचे भ्रष्टाचार हो रहा है। CEO को इसकी जानकारी है और वह इन सबके जिम्मेदार हैं। अध्यक्ष ऑफिस नहीं आते हैं, इसलिए हर कोई इस बात का फायदा उठाता है।"
निहलानी ने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने एजेंट को प्रतिबंधित कर दिया था।
मांग
निहलानी ने की प्रसून जोशी के इस्तीफे की मांग
उन्होंने बताया कि एक गुजराती फिल्म को सर्टिफिकेट न मिलने के कारण टालना पड़ा।
उन्होंने कहा, "किसी ने एक डब्ड कन्नड फिल्म के लिए 3 लाख रुपये मांगे। यह सही नहीं है। उन्हें तारीख दी जाए, वरना मैं सेंसर बोर्ड के खिलाफ धरना करूंगा। मैं फिल्म जगत का हिस्सा हूं, न कि पूर्व अध्यक्ष का। मैं फिल्म जगत के लिए खड़ा रहूंगा।"
निहलानी ने कहा, "भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनके पास वक्त नहीं है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
मामला
न्यूजबाइट्स प्लस
29 सितंबर को विशाल ने एक्स पर लिखा था कि अपनी फिल्म 'मार्क एंटनी' के हिंदी संस्करण को पास कराने के लिए उन्हें सेंसर बोर्ड को 6.5 लाख रुपये देने पड़े। इसके लिए 2 बार पैसे भेजे, 3 लाख रुपये स्क्रीनिंग के लिए और 3.5 लाख रुपये फिल्म के सर्टिफिकेट के लिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और नरेंद्र मोदी से भी मामले में संज्ञान लेने के लिए कहा था।
'मार्क एंटनी' का हिंदी संस्करण 29 सितंबर को रिलीज हुआ था।
सेंसर बोर्ड की प्रतिक्रिया
सेंसर बोर्ड ने कही थी कार्रवाई की बात
मामले में सेंसर बोर्ड ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ये आरोप गंभीर हैं और सेंसर बोर्ड किसी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसमें संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी और इसकी जड़ तक पहुंचा जाएगा।
बोर्ड ने निर्माताओं को बिचौलियों की मदद न लेने के लिए भी आगाह किया था।
बोर्ड ने यह भी कहा था कि बोर्ड की छवि खराब करने वालों को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।