'आदिपुरुष' का सबक: 'रामायण' पर नितेश तिवारी का बयान, सेंसर बोर्ड भी सचेत
क्या है खबर?
रामायण पर आधारित फिल्म 'आदिपुरुष' पर जमकर बवाल हुआ। फिल्म में किरदारों के चित्रण से लेकर संवादों तक की खूब आलोचना हुई। नतीजा यह हुआ कि फिल्म शुरुआती कमाई के बाद बॉक्स ऑफिस पर भी धड़ाम हो गई।
'आदिपुरुष' की आलोचनाओं के बाद अब ऐसी फिल्मों को लेकर निर्माता सचेत हो गए हैं।
रामायण पर फिल्म बना रहे निर्देशक नितेश तिवारी ने अब अपनी फिल्म पर कहा है कि उनकी फिल्म किसी को आहत नहीं करेगी।
बयान
मुझे भरोसा है, मैं किसी को आहत नहीं करूंगा- नितेश
अपनी आगामी फिल्म 'बवाल' के प्रमोशन के दौरान नितेश ने 'रामायण' पर भी बात की।
एक एंटरटेनमेंट पोर्टल से बात करते हुए नितेश ने कहा, "मेरी बात सीधी है। जो कंटेंट मैं बना रहा हूं, मैं खुद उसका उपभोक्ता भी हूं। अगर मैं खुद को आहत नहीं कर रहा हूं तो मुझे भरोसा है कि मैं किसी और को भी आहत नहीं करूंगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही फिल्म की स्टारकास्ट का खुलासा करेंगे।
कास्टिंग
कास्टिंग को लेकर ट्रोल हुए थे नितेश
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि 'रामायण' में रणबीर कपूर श्री राम और आलिया भट्ट सीता की भूमिका निभाएंगी। कन्नड़ सुपरस्टार यश फिल्म में रावण के किरदार में नजर आ सकते हैं।
हालांकि, दर्शकों को राम-सीता की भूमिका में रणबीर-आलिया उचित नहीं लगे और फिल्म की जमकर ट्रोलिंग हुई।
कास्टिंग की इन खबरों की नितेश ने ना पुष्टि की और ना ही खंडन किया। उन्होंने कहा कि वह जल्द फिल्म की स्टारकास्ट का ऐलान करेंगे।
सेंसर बोर्ड
सेंसर बोर्ड भी हुआ सचेत
'आदिपुरुष' के बाद फिल्म निर्माताओं के साथ ही सेंसर बोर्ड भी सचेत है।
बुधवार को खबर आई थी कि सेंसर बोर्ड ने अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी की फिल्म 'ओह माय गॉड 2' को रिव्यू कमिटी के पास भेज दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक न हो। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कुछ दृश्यों और संवादों पर आपत्ति जताई है।
'आदिपुरुष' के लिए सेंसर बोर्ड को भी काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
आदिपुरुष
'आदिपुरुष' पर हुआ था भारी बवाल
'आदिपुरुष' 16 जून को रिलीज हुई थी। फिल्म में प्रभास राघव, कृति सैनन जानकी और सैफ अली खान रावण की भूमिका में नजर आए थे।
करीब 600 करोड़ में बनी इस फिल्म का निर्देशक ओम राउत ने खूब प्रचार किया गया था, लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो दर्शक भड़क गए। फिल्म के आपत्तिजनक संवादों के लिए लेखक मनोज मुंतशिर को चारों ओर से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
ऐसे में सबकी नजर नितेश तिवारी की रामायण पर है।