राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक बुद्धदेब दासगुप्ता का निधन, प्रधानमंत्री ने जताया शोक
बांग्ला फिल्मों के प्रख्यात निर्देशक बुद्धदेब दासगुप्ता ने उम्र संबंधी बीमारियों के चलते गुरुवार को कोलकाता में अपने आवास पर आखिरी सांस ली। बुद्धदेब के जाने से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर प्रशंसक दिग्गज निर्देशक को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। आइए जानते हैं किसने क्या कहा।
लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे बुद्धदेब
77 वर्षीय बुद्धदेब के परिवार में उनकी पत्नी और उनकी पहली शादी से दो बेटियां हैं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और हर हफ्ते दो बार उनका नियमित रूप से डायलासिस होता था। फिल्मकार गौतम घोष ने कहा, "बुद्ध दा खराब सेहत के बावजूद फिल्म बना रहे थे, लेख लिख रहे थे और सक्रिय थे। उनका जाना हम सबके लिए बहुत बड़ा नुकसान है।"
बुद्धदेब के निधन पर क्या बोले मोदी और ममता बनर्जी?
मोदी ने ट्वीट किया, 'बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से दुखी हूं। उनके कार्यों ने समाज के सभी वर्गों के दिलों के तार छुए। वह एक प्रसिद्ध कवि भी थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के सदस्यों और उनके चाहनेवालों के साथ हैं।' ममता बनर्जी ने लिखा, 'बुद्धदेव दासगुप्ता ने अपने काम के जरिए सिनेमा की भाषा को अनूठी बना दिया। उनका निधन फिल्म समुदाय के लिए बड़ा नुकसान है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।'
यहां देखें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट
यहां देखिए ममता बनर्जी का ट्वीट
क्या बोलीं अभिनेत्री और निर्देशक अपर्णा सेन?
अभिनेत्री-निर्देशक अपर्णा सेन ने कहा, "मुझे दुख है कि मैं बुद्धदेब दा को श्मशान घाट जाकर अंतिम विदाई नहीं दे पाऊंगी। यह दुखी करने वाला है कि हम इस कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण उनके जैसे क्षमतावान निर्देशक को उचित सम्मान नहीं दे सकते हैं।" सेन ने कहा, "उनपर अकसर आरोप लगता था कि वह ऐसा सिनेमा बनाते है, जो बड़े जमसमूह को आसानी से समझ में नहीं आता है, लेकिन बुद्धदेब दा कभी अपने यकीन से भटके नहीं।"
पांच राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं बुद्धदेब
बुद्धदेब दासगुप्ता का फिल्ममेकिंग और साहित्य दोनों में ही बड़ा नाम था। उन्हें पांच राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। 2008 में स्पेन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बुद्धदेब दासगुप्ता को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। उनके निर्देशन में बनीं कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में 'नीम अन्नपूर्णा', 'गृहजुद्ध', 'बाग बहादुर', 'तहादेर कथा', 'चाराचर', 'लाल दर्जा', 'उत्तरा', 'स्वपनेर दिन', 'कालपुरुष' और 'जनाला' शामिल हैं। बुद्धदेब ने 'अंधी गली' और 'अनवर का अजब किस्सा' जैसी हिंदी फिल्मों का भी निर्देशन किया।