'मोनिका ओ माय डार्लिंग' रिव्यू: दिलचस्प मर्डर मिस्ट्री में सितारों ने छोड़ी छाप
राजकुमार राव, हुमा कुरैशी और राधिका आप्टे अभिनीत फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' की चर्चा काफी समय से थी। अब आखिरकार फिल्म दर्शकों के बीच आ गई है। निर्देशक हैं वसन बाला और संजय राउतरे व सरिता पाटिल ने प्रोडक्शन का काम संभाला है। योगेश चंदेकर के कलम से फिल्म की कहानी निकली है और रिलीज का माध्यम है नेटफ्लिक्स। अब अगर आप यह फिल्म देखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इसके रिव्यू पर एक नजर डालिए।
मोनिका और उसके जाल में फंसा रह जाता है जयंत
कहानी के केंद्र में जयंत खेडेकर (राजकुमार राव) और मोनिका (हुमा कुरैशी) हैं। मोनिका से आकर्षित होकर जयंत उसके करीब आता है। इसके बाद मोनिका उसके बच्चे के साथ प्रेग्नेंट हो जाती है और उसे ब्लैकमेल करने लगती है। उससे छुटकारा पाने के लिए जयंत उसके मर्डर को अंजाम देता है। मर्डर केस ACP नायडू (राधिका आप्टे) को सौंपा जाता है। अब जयंत मोनिका के चंगुल से बाहर निकल पाएगा या नहीं, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
सितारों की भीड़ में हुमा ने लूटी महफिल
इस कहानी की असली हीरो हुमा कुरैशी हैं, जो सीन दर सीन पासा पलटती रहती हैं। अभिनय के लिहाज से यह उनकी बेहतरीन फिल्म है। वह हर बार कहानी का रुख मोड़ने में कामयाब रहीं। उनकी डायलॉग डिलीवरी से लेकर अंदाज, सब काबिल-ए-तारीफ है। राजकुमार ने भी अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय किया है। राधिका भी पर्दे पर अपनी छाप छोड़ गईं। उनके कॉमिक पंच आपको आकर्षित करेंगे। आकांक्षा रंजन कपूर और सिंकदर खेर अपनी-अपनी भूमिका में जंचे हैं।
निर्देशन की कसौटी पर कितने खरे उतरे वसन बाला?
वसन बाला के निर्देशन की छाप हर कोने में दिखती है। उन्होंने फिल्म में सस्पेंस को बखूबी भुनाया है। एक सीन के बाद दूसरे सीन को लेकर उत्सकुता बनी रहती है। तमाम किरदार और पिछली कहानियां होने के बावजूद निर्देशक ने फिल्म को भटकने नहीं दिया। वसन बेहद मनोरंजक ढ़ग से फिल्म की कहानी परोसने और मर्डर मिस्ट्री को कॉमिक अंदाज में पेश करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहानी को ऐसे बुना कि पलक झपकने की भी फुरसत नहीं मिलती।
ये हैं कमजोर कड़ियां
फिल्म में हद से ज्यादा ट्विस्ट आपको निराश कर सकते हैं। जब सेकेंड हाफ आएगा तो लगेगा कि कहानी बिखर सी गई है। यहां आकर मामला गड़बड़ा जाता है और कंफ्यूजन बढ़ जाता है। अगर फिल्म के कुछ दृश्यों पर थोड़ी कैंची चल जाती तो ये और प्रभावी हो सकते थे। कहीं-कहीं नायडू के जांच के दृश्य भी आपको मजाकिया से लगेंगे। फिल्म की रफ्तार थोड़ी तेज हो सकती थी, वहीं संवादों पर भी मेहनत करने की गुंजाइश थी।
फिल्म को मिला संगीत का साथ
बैकग्राउंड में चल रहे संगीत ने फिल्म में चार चांद लगा दिए हैं। यह पूरी फिल्म में चलता है। वरुण ग्रोवर के गीत और अचिंत ठक्कर का संगीत 80 के दशक के बॉलीवुड संगीत की चमक को फिर से जीवंत करने में कामयाब रहा।
देखें या ना देखें?
क्यों देखें?- अगर आप थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो यह दो घंटे की फिल्म आप ही के लिए बनी है। कहानी के साथ इसके हर किरदार में आप खो जाएंगे। हर किरदार का अपना एक अलग आकर्षण है। क्यों न देखें?- अगर आपको ज्यादा ही ट्विस्ट वाली फिल्में पसंद नहीं हैं तो इस फिल्म को न देखें। हमारी तरफ से 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' को 5 में से 3.5 स्टार।
न्यूजबाइट्स प्लस
अनुष्का शर्मा की नई फिल्म 'चकदा एक्सप्रेस' भी नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। जोया अख्तर लोकप्रिय कॉमिक बुक सीरीज आर्चीज को लेकर एक हिंदी फिल्म बना रही है, जो नेटफ्लिक्स पर आएगी। इसके अलावा निर्देशक विशाल भारद्वाल की फिल्म 'खुफिया' भी नेटफ्लिक्स पर ही स्ट्रीम होगी।