समय रैना पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, कहा- दिव्यांगों को शो में बुलाओ और रिपोर्ट दो
क्या है खबर?
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और मशहूर कॉमेडियन समय रैना ने दिव्यांगों का मजाक उड़ाते हुए उन पर असंवेदनशील टिप्पणी की थी। इसके बाद उन्होंने माफी भी मांगी थी, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि वो माफी वाला वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करें। अब इस मामले में कोर्ट ने नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक अपने किसी शो में हर महीने कम से कम 2 बार उन्हें दिव्यांग लोगों को शामिल करना होगा।
आदेश
हर महीने शो में दिव्यांग लोगों को बुलाएं- कोर्ट
कोर्ट ने कॉमेडियन को निर्देश दिया है कि महीने में 2 बार ऐसे एपिसोड जरूर दिखाए जाएं, जिनमें दिव्यांग लोग बतौर मेहमान या पैनलिस्ट आएं। उनकी जिंदगी से जुड़ी कहानियां दिखाई जाएं, उनकी चुनौतियों, उपलब्धियां और प्रेरणादायक अनुभवों पर बात हो ताकि समाज में दिव्यांग लोगों की सकारात्मक छवि बने। लोग उनकी कठिनाइयों और प्रतिभाओं को समझें और उन्हें उचित सम्मान मिले। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में वो ये बताएं कि उन्होंने इस आदेश का पालन कैसे किया।
निर्देश
कोर्ट ने कहा- सिर्फ माफी मांगने से बात नहीं बनेगी
कोर्ट ने कहा, "अगर आप मानते हैं कि आपने दिव्यांग लोगों के प्रति पर्याप्त संवेदनशीलता नहीं दिखाई, जो जरूरी थी और अब आप अपनी गलती सुधारतना चाहते हैं तो ये सिर्फ माफी मांगने भर की बात नहीं है। आप दिव्यांग व्यक्तियों की समस्याओं, अधिकारों और प्रतिनिधित्व को गंभीरता से लें उनके लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएं। ये सुनिश्चित करें कि उनके मुद्दे सामने आएं। इससे एक बड़ा सकारात्मक सामाजिक संदेश जाएगा कि दिव्यांगों की आवाज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।"
जिम्मेदारी
माफी के साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का आदेश
कोर्ट ने समय और अन्य हास्य कलाकारों के वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाया। कोर्ट ने कहा कि जुर्माना नहीं लगेगा, बशर्ते वो किसी संस्था को दान दें और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाएं। दिव्यांग लोगों के लिए दान या उनके हित में काम करें। माफी पहले ही स्वीकार की जा चुकी है। अब ये मामला सुधार और सकारात्मक कदमों पर केंद्रित है। इससे समाज में सुधार होगा और गलती का सकारात्मक असर बनेगा।
विवाद
कहां से शुरू हुआ मामला?
दरअसल, एक NGO ने समय पर गंभीर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने स्टैंड-अप कॉमेडी शो में स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) से पीड़ित एक नेत्रहीन नवजात का मजाक उड़ाया। याचिका में बताया गया कि कॉमेडियन ने कॉमेडी के नाम पर शो में बच्चे के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन और उसके संभावित परिणामों को लेकर अशोभनीय टिप्पणी की। इस मामले से विवाद इतना बढ़ गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।