मनोज बाजपेयी कोई मौका नहीं गंवाना चाहते, बोले- इस चक्कर में लड़ती है बेटी
अपने दमदार अभिनय से हर किरदार को जानदार बनाने वाले मनोज बाजपेयी इस समय लगातार सुर्खियों में हैं। वह अपनी हाल ही में रिलीज हुई सीरीज 'किलर सूप' के लिए सभी की तारीफ बटोर रहे हैं। अभिनेता पिछले काफी समय से लगातार फिल्मों और सीरीज की शूटिंग में व्यस्त हैं। ऐसे में हाल ही में बाजपेयी ने खुलासा किया कि उनके व्यस्त शेड्यूल पर उनके परिवार की प्रतिक्रिया क्या होती है। चलिए जानते हैं क्या बोले मनोज।
कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते मनोज
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में मनोज ने बताया कि वह उन्हें मिल रहे मौकों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उनकी बेटी एवा घर पर समय नहीं बिताने के लिए उनसे लड़ती है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें काम से छुट्टी मिलती है? अभिनेता बोले, "मेरा परिवार समझता है कि आज वह घर पर बैठकर अगले प्रोजेक्ट या अच्छी फिल्म के आने का इंतजार नहीं कर रहे हैं।"
मनोज से लड़ती हैं उनकी बेटी
अभिनेता ने हंसते हुए आगे कहा, "वे खुश हैं लेकिन कभी-कभार वे मुझसे लड़ते भी हैं, लेकिन ज्यादातर वे मेरे लिए बहुत खुश रहते हैं। उन्होंने मुझे सालों से देखा है। हर सुख-दुख में मेरे साथ रहे हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि कोई समस्या है, लेकिन मेरी छोटी बच्ची मुझसे लड़ती है। वह कहती है, आपको कुछ नहीं पता, आप मेरे गणित के बारे में कुछ नहीं जानते, इसलिए अब मुझे जाकर उसके गणित शिक्षक से मिलना होगा।"
जताया दर्शकों और समीक्षकों का आभार
पिछले कुछ सालों में लगातार हिट फिल्में देने और समीक्षकों से मिली सराहना पर मनोज बोले, "आपको बता दूं कि मैं बहुत खुश हूं। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं और OTT की वजह से मेरे लिए चीजें बदली हैं। अगर लोग मेरी फिल्में पसंद कर रहे हैं तो उनको बनाते समय मेरा इरादा यही था।" वह शुक्रिया कहते हुए बोले, "मैं धन्यवाद कहना चाहता हूं। अगर सब कुछ सही हो रहा है तो मैं धन्य महसूस करता हूं।"
हर शैली में करना चाहिए काम
अभिनेता ने इंटरव्यू में मसाला फिल्मों को लेकर भी अपनी राय रखी। वह बोले, "कमर्शियल फिल्में करने से मुझे बिल्कुल परहेज नहीं है। मैंने भी 'बागी 2', 'सत्यमेव जयते' जैसी मलासा फिल्में की हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि अभिनेताओं को शैलियों के मामले में पसंदीदा नहीं होना चाहिए। उन्हें अपनी कला को इतना बढ़ाना चाहिए कि वे हर शैली में काम कर सकें क्योंकि हर शैली में आपको सिखाने के लिए कुछ न कुछ है।"