दुलकर सलमान अब नई मुश्किल में, उपभोक्ता फोरम ने भेजा नोटिस; 3 दिन में मांगा जवाब
क्या है खबर?
मलयालम सिनेमा के मशहूर अभिनेता दुलकर सलमान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पहले कार तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनके घर छापा मारा था और अब वो एक नई मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। दरअसल, केरल के पठानमथिट्टा कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने उन्हें नोटिस जारी कर 3 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया है। मामला 'रोज ब्रांड बिरयानी राइस' से जुड़ा है, जहां दुलकर इस ब्रांड के ब्रांड एंबेसडर हैं।
आदेश
अभिनेता को से 3 दिन का समय
शिकायतकर्ता ने 5 लाख रुपये का मुआवजा, चावल की कीमत 10,250 रुपये और इसी के साथ कोर्ट के खर्च की मांग की है। उपभोक्ता फोरम ने इस मामले में 3 आरोपियों को 3 दिसंबर को आयोग के सामने पेश होने का आदेश दिया है, ताकि उनकी तरफ से जवाब दर्ज कराया जा सके। एक कैटरिंग फर्म मालिक ने शिकायत में दावा किया है कि इस चावल से बनी बिरयानी खाने से शादी समारोह के मेहमानों को फूड पॉइजनिंग हो गई।
आरोप
मामले में दुलकर बने तीसरे आरोपी
दुलकर को तीसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया है। उन पर आरोप है कि उनके विज्ञापनों ने उपभोक्ता को धोखे में डाला। शिकायतकर्ता पी.एन. जयराजन पठानमथिट्टा से हैं, जो एक स्थानीय कैटरिंग बिजनेस चलाते हैं। जयराजन की शिकायत है कि उन्होंने एक शादी समारोह के लिए रोज ब्रांड के बिरयानी चावल का 50 किलो का एक बैग खरीदा। चावल की कीमत मात्र 10,250 रुपये थी, लेकिन बैग पर पैकिंग डेट या एक्सपायरी डेट का जिक्र तक नहीं था।
प्रचार
दुलकर कब बने थे 'रोज बिरयानी राइस' का चेहरा?
जयराजन के मुताबिक, इस चावल से बनी बिरयानी परोसने के बाद कई मेहमान बीमार पड़ गए। इससे जयराजन की फर्म की साख पर भी बट्टा लगा। कई शादी के कार्यक्रमों ने उसके साथ होने वाले ऑर्डर भी रद्द कर दिए हैं। दुलकर ने मई 2024 में 'रोज बिरयानी राइस' का चेहरा बनने का ऐलान किया था। याचिकाकर्ता दुलकर द्वारा विजुअल मीडिया में किए गए विज्ञापनों और प्रचार से प्रभावित होकर ही इस ब्रांड का चावल खरीदने के लिए प्रेरित हुआ।
चर्चा
पिछले दिनों इस वजह से सुर्खियों में थे दुलकर
दुलकर पिछली बार तब विवादों में आए, जब राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) और सीमा शुल्क विभाग ने ऑपरेशन नमखोर के तहत उनके कोच्चि स्थित ठिकानों पर छापा मारा। दरअसल, कस्टम अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान उनकी लग्जरी गाड़ी लैंड रोवर जब्त कर ली थी। इसके बाद दुलकर ने विभाग की इस कार्रवाई को जल्दबाजी और मनमानी बताते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, बाद में दुलकर को इस मामले में हाई कोर्ट से राहत मिल गई थी।