
महेश भट्ट बोले- जगजीत सिंह ने अपने बेटे का शव पाने के लिए दी थी रिश्वत
क्या है खबर?
महेश भट्ट की 1984 में आई फिल्म 'सारांश' को गिनती उनकी अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्मों में होती है। इस फिल्म में अनुपम खेर और रोहिणी हट्टंगडी मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
अपने बेटे को खो चुके बूढ़े मां-बाप की इस कहानी को लोगों ने बेशुमार प्यार दिया था तो गजल सम्राट जगजीत सिंह को इसे देखकर अपने साथ हुई दुखद घटना याद आती थी।
हाल ही में भट्ट ने इस फिल्म और जगजीत को लेकर बात की।
बयान
जगजीत ने भट्ट से कही थी ये बात
दरअसल, भट्ट फिल्म की रिलीज के 40 साल पूरे होने पर अनुपम से बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा, "जब जगजीत सिंह के बेटे की दुखद दुर्घटना में मौत हुई तो उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें अपने बेटे के शव को पाने के लिए जूनियर अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ी। उन्हें तब सारांश के महत्व का एहसास हुआ कि एक आम इंसान अपने ही किसी करीबी का शव पाने के लिए कितना संघर्ष करता है।"
जानकारी
20 साल की उम्र में हुई थी जगजीत के बेटे की मौत
जगजीत और चित्रा के 20 साल के बेटे विवेक की 1990 में कार दुर्घटना में मौत हुई थी।जगजीत ने कुछ समय बाद गायकी में वापसी की तो चित्रा ने गाना बंद कर दिया था। 2011 में ब्रेन हेमरेज से जगजीत की मौत हो गई।
मिलना-जुलना
अनुपम को अपने साथ हर पार्टी में लेकर जाते थे भट्ट
इस दौरान भट्ट ने बताया कि वह अनुपम को अपने साथ हर पार्टी में लेकर जाते थे ताकि वह सबसे मिले।
उन्होंने कहा, "एक पार्टी में राजेश खन्ना अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आए थे। अनुपम उन्हें देखते ही कुर्सी से खड़े होने लगे। मैंने उन्हें कहा कि बैठे रहो। ऐसा मैंने अकड़ दिखाने के लिए नहीं किया था बल्कि वहां कुर्सियां खाली थीं।"
वह कहते हैं कि अनुपम का दिल बहुत बड़ा है, लेकिन वह खुद को कम आंकते हैं।
शिकायत
आमिर खान ने की थी अनुपम की शिकायत
इस दौरान खेर ने फिल्म 'दिल है कि मानता नहीं' से जुड़ा एक किस्सा सुनाया, जिसमें आमिर खान शामिल थे।
दरअसल, रिहर्सल में आमिर को अनुपम का अभिनय पसंद नहीं आया था। उन्हें लग रहा था कि वह ज्यादा कर रहे और इसलिए उन्होंने भट्ट से अनुपम को लेकर बात की।
हालांकि, अनुपम ने निर्देशक को आश्वस्त किया कि वह जानते हैं कि उन्हें कौन-सा लहजा अपनाना है। ऐसे में भट्ट ने आमिर की बात को ही नजरअंदाज कर दिया।
कहानी
क्या था 'सारांश' की कहानी?
'सारांश' की कहानी सेवानिवृत्त शिक्षक बीबी प्रधान (अनुपम) और उनकी पत्नी पार्वती (रोहिणी) की थी, जिनके इकलौते बेटे की मृत्यु न्यूयॉर्क में हो जाती है। इसके बाद दोनों अपने बेटे को खोने के बाद कई परेशानियों का सामना करते हैं।
मालूम हो कि फिल्म में अनुपम के किरदार की उम्र 60 साल थी, लेकिन उस समय असल में वह 28 साल के थे।
उन्होंने भट्ट के साथ 'डैडी' और 'दिल है कि मानता नहीं' जैसी फिल्मों में काम किया है।