दिवंगत गायक केके का आखिरी गाना 'धूप पानी बहने दे' हुआ रिलीज
बॉलीवुड के मशहूर गायक कृष्णकुमार कुन्नथ उर्फ केके ने हाल ही में दुनिया को अलविदा कहा। 31 मई को 53 साल की उम्र में कोलकाता में उनका निधन हुआ। कोलकाता में लाइव कंसर्ट के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्होंने अपने करियर का आखिरी गाना श्रीजीत मुखर्जी की फिल्म 'शेरदिल' के लिए गाया था, जो अब रिलीज हो चुका है। इस गाने का टाइटल 'धूप पानी बहने दे' है।
पंकज त्रिपाठी ने शेयर किया केके का आखिरी गाना
'शेरदिल' के लीड कलाकार पंकज त्रिपाठी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर केके का आखिरी गाना शेयर किया है। पंकज ने अपने ट्वीट में लिखा, 'केके की जादुई आवाज एक बार फिर आपको मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार है। 'शेरदिल- द पीलीभीत सागा' से 'धूप पानी बहने दे' हुआ रिलीज, जिसे केके ने गाया था। इस गाने के बोल गुलजार ने लिखे हैं और इसे शांतनु मोइत्रा ने कंपोज किया है।'
यहां देखिए पंकज त्रिपाठी का पोस्ट
कैसा है केके का आखिरी गाना?
केके का आखिरी गाना 'धूप पानी बहने दे' में एक जरूरी मुद्दे को उठाया गया है। इसमें प्रकृति और पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है। इसमें जंगलों के कटने की बात की गई है और पेड़ों के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। केके की सुरीली आवाज ने जंगल और उसके जीवन को दर्शकों के जेहन में उतार दिया है। गाने में पंकज की मौजूदगी ने दर्शकों का ध्यान खींचा है।
'धूप पानी बहने दे' को लेकर गुलजार ने कही ये बात
'धूप पानी बहने दे' को लेकर गीतकार गुलजार ने अपना अनुभव साझा किया है। उन्होंने कहा, "फिल्म 'शेरदिल' में श्रीजीत ने मुझ पर एक एहसान किया है। इतनी खूबसूरत फिल्म के लिए ना केवल मुझे लिखने का मौका मिला, बल्कि सदियों बाद केके से मिलने का मौका मिला। केके ने सबसे पहले 'माचिस' में एक गाना गाया था 'छोड़ आए हम वो गलियां'। उनका आखिरी गाना पर्यावरण पर आधारित है और इसे फिल्म में खूबसूरती से इस्तेमाल किया गया है।"
न्यूजबाइट्स प्लस
'धूप पानी बहने दे' से पहले उनका गाना 'ऐ हौसले' रिलीज हुआ था। रणवीर सिंह की फिल्म '83' में इस गाने को फिल्माया गया था। प्रीतम ने इस गाने के संगीत को तैयार किया था, जबकि कौसर मुनीर ने इसके बोल लिखे थे।
24 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी 'शेरदिल'
श्रीजीत की 'शेरदिल' 24 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म रिलायंस एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी है। इसकी कहानी 2017 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हुई सच्ची घटना पर आधारित है। इस घटना ने वन विभाग के होश उड़ा दिए थे। गांव के लोग अपने घर के बड़े और बुजुर्ग हो चुके लोगों को जंगलों में भेजते थे, जहां टाइगर उन्हें अपना शिकार बना लेता था। गांव वालों द्वारा सरकारी मुआवजा हासिल करने के लिए ऐसा किया जाता था।