नासिक में कलाकारों के लिए वृद्धाश्रम बनाएगा लता मंगेशकर का परिवार
क्या है खबर?
92 साल की उम्र में महान गायिका लता मंगेशकर इस साल हम सभी को छोड़कर चली गईं। कोरोना वायरस की जटिलताओं के कारण फरवरी में उनका निधन हुआ।
संगीत जगत में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
अब जानकारी सामने आ रही है कि लता का परिवार नासिक में कलाकारों के लिए एक वृद्धाश्रम बनाएगा।
बता दें कि लता की यह खव्वाहिश थी कि बुजुर्ग कलाकारों के लिए एक वृद्धाश्रम बने।
रिपोर्ट
पिछले साल जुलाई में लता ने रजिस्टर्ड कराई थी अपनी संस्था
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, दिवंगत लता के परिवार वाले नासिक में उम्रदराज कलाकारों के लिए स्वर मौली नामक वृद्धाश्रम बनाएंगे। यह एक धर्मनिरपेक्ष और गैर-लाभकारी संस्था होगी।
इसे पिछले साल जुलाई में रजिस्टर्ड कराया गया था। लता ने खुद पिछले साल अपने NGO के जरिए इस संस्था को रजिस्टर्ड कराया था।
अब लगता है कि बहुत जल्द उनका सपना साकार होने वाला है। वाकई में यह पहल काबीलेतारीफ है।
बयान
लता के परिवार ने अपने बयान में क्या कहा?
लता के परिवार ने इस संबंध में एक बयान भी जारी किया है।
उन्होंने अपने बयान में कहा, "एक वृद्धाश्रम बनाकर स्वर मौली फाउंडेशन उन कलाकारों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो ढलते उम्र की पड़ाव पर हैं और जिन्हें मदद की सख्त जरूरत है। यह लता दीदी की दृष्टि थी कि बुजुर्ग कलाकारों की मदद की जाए, जिन्हें या तो उनके बच्चों ने छोड़ दिया या जीविकोपार्जन के लिए आर्थिक रूप से असहाय महसूस करते हैं।"
सह-संस्थापक
वृद्धाश्रम के सह-संस्थापकों में इन लोगों का नाम है शामिल
लता की बहन ऊषा मंगेशकर, भतीजी रचना शाह और संगीतकार मयूरेश पाई इस वृद्धाश्रम के सह-संस्थापक हैं। गायक सोनू निगम और फिल्ममेकर मधुर भंडारकर सलाहकार समिति के सदस्य हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, ऊषा ने कहा, "दीदी का सपना था कि थिएटर, संगीत, सिनेमा और कला के क्षेत्र के वरिष्ठ कलाकारों के लिए इसका निर्माण किया जाए। यह उनके लिए होगा जो रिटायर हो गए हैं या कठिन दौर से गुजर रहे हैं।"
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
इंडस्ट्री के कई कलाकारों को जीवन के अंतिम दौर में संघर्ष करना पड़ा। ललिता पवार, भारत भूषण, परवीन बॉबी, अचला सचदेव और एके हंगल सहित कई प्रसिद्ध सितारों को मुफलिसी की रात बितानी पड़ी थी। ऐसे कलाकारों के लिए ही वृद्धाश्रम बनाया जा रहा है।
सामाजिक कार्य
सामाजिक कार्यों में रुचि लेती थीं लता
सामाजिक कार्यों में लता की दिलचस्पी हमेशा रही है।
2001 में लता ने अपने पिता और थिएटर कलाकार दीनानाथ मंगेशकर की याद में पुणे में एक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और अनुसंधान केंद्र की स्थापना की थी।
पिछले साल ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लता ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के राहत कोष में 7 लाख रुपये की राशि दान की थी।
इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनका आभार भी व्यक्त किया था।
करियर
'आपकी सेवा में' के जरिए लता की हिंदी फिल्मों में हुई एंट्री
हिंदी फिल्मों में लता की एंट्री तब हुई, जब उन्हें फिल्म 'आपकी सेवा में' गाने का मौका मिला।
लता का सितारा पहली बार 1949 में चमका और इसी वर्ष उनकी चार फिल्में रिलीज हुईं जिनमें 'बरसात', 'दुलारी', 'महल' और 'अंदाज' शामिल है।
'महल' में उनका गाया गाना 'आएगा आने वाला' के बाद उनकी फैन फॉलोइंग में जबरदस्त इजाफा हुआ। 'दो बीघा जमीन', 'मदर इंडिया', और 'मुगल-ए-आजम' में गाए उनके गाने आज भी प्रशंसकों की जुबां पर हैं।