खुद पर बायोपिक बनाने के खिलाफ थीं लता मंगेशकर, जानिए वजह
क्या है खबर?
अपनी आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वालीं लंता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। आज भले ही वह इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन संगीत प्रेमियों के दिलों में वह हमेशा जिंदा रहेंगी।
लता के जीवन से जुड़ीं ऐसी कई बातें हैं, जिनसे आप वाकिफ नहीं होंगे। शायद आप इस बात से भी अनजान हों कि लता अपने जीवन पर फिल्म नहीं बनाना चाहती थीं।
आइए जानते हैं क्या था इसके पीछे का कारण।
रजामंदी
लता ने नहीं दी अपने जीवन पर फिल्म बनाने की इजाजत
इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक, लता कभी नहीं चाहती थीं कि उनके जीवन पर कोई फिल्म बने और इसी के चलते उन्होंने कई फिल्मकारों को अपनी बायोपिक बनाने के लिए राइट्स नहीं दिए थे।
पिछले कुछ सालों में कई निर्माता-निर्देशक उनके जीवन को पर्दे पर उतारना चाहते थे, लेकिन लता ने इसकी अनुमति नहीं दी।
लता ने हर प्रस्ताव ठुकरा दिया, क्योंकि वह अपनी निजी जिंदगी से जुड़े किस्से दुनिया के सामने नहीं लाना चाहती थीं।
ऑफर
OTT प्लेटफॉर्म से भी आए प्रस्ताव
लता को ऑफर सिर्फ फिल्म निर्माताओं से ही नहीं, बल्कि OTT प्लेटफॉर्म से भी आए, लेकिन उन्होंने किसी के लिए हामी नहीं भरी।
लता की पेशेवर और निजी जिंदगी को फिल्म की शक्ल देने में कई फिल्मकारों ने खासी दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन लता अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं थीं।
लता भले ही अपनी पेशेवर जिंदगी पर खुलकर बात करती थीं, लेकिन निजी जिंदगी पर वह अक्सर चुप्पी साधे रखती थीं।
ख्वाहिश
'सत्यम शिवम सुंदरम' में लता को कास्ट करना चाहते थे राज कपूर
राज कपूर की सुपरहिट फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' की कहानी लता को ध्यान में रखकर लिखी गई थी।
लता ने कहा था, "हां, राज कपूर जी ने इस फिल्म की पटकथा मुझे ही आधार बनाकर लिखी थी। वह चाहते थे कि मैं इसमें मुख्य किरदार निभाऊं, जिसकी आवाज ही पूरी कहानी का अहम पक्ष है। हालांकि, मैंने फिल्म में काम करने से मना कर दिया।"
उन्होंने कहा, "इसके बाद अस्सी के दशक में उन्होंने जीनत अमान से यह रोल करवाया।"
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
लता को अभिनय करना ज्यादा पसंद नहीं था, लेकिन पैसों की जरूरत के चलते उन्होंने बतौर अभिनेत्री कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया। लता की पहली फिल्म 'पाहिली मंगलागौर' थी, जो 1942 में रिलीज हुई थी। इसके लिए उन्होंने गाना भी गाया था।
दुखद
लता ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली आखिरी सांस
लता ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांसें लीं। कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें इस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह बहुत दिनों से इस अस्पताल में भर्ती थीं।
बीच में उनकी तबीयत में कुछ सुधार आया था, लेकिन 5 फरवरी से उन्हें वापस वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था।
अपनी जादुई आवाज से करोड़ों लोगों का दिल जीत लेने वाली लता अब हमारे बीच नहीं रहीं, जिसकी वजह से हर कोई गमगीन है।