कुमार सानू होटलों में गाते थे,जगजीत सिंह ने रिकॉर्ड करवाया था पहला गाना
संगीत जगत में 'मेलोडी किंग' कहे जाने वाले कुमार सानू के गानों की एक अलग ही दुनिया है। 90 के दशक में उनके गानों की खूब दीवानगी रही, जो उनके प्रशंसकों के बीच आज भी कायम है। अब एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने शुरुआती दिनों और पहला गाना रिकॉर्ड करने की यादें साझा की हैं। सानू ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने अपने पिता के देहांत के दिन लाइव प्रस्तुति दी थी।
मुंबई में होटलों में गाते थे कुमार सानू
पिंकविला से बातचीत में कुमार सानू ने अपने गायिकी से सफर पर बात की। उन्होंने बताया कि वह एक बार 1983 में मुंबई आए थे, लेकिन तब वापस चले गए थे। इसके बाद वह 1986 में फिर मुंबई आए। दूसरी बार आने पर उन्होंने होटलों में गाना गाना शुरू किया। होटल में गाकर वह पैसे कमाते थे और इससे डेमो कैसेट बनाते थे, जिसे वह संगीत निर्देशकों को भेजते थे।
जगजीत सिंह ने दिया पहला मौका
एक बार वह कहीं पर डेमो कैसेट के लिए रिकॉर्डिंग कर रहे थे। वहां जगजीत सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने किसी से पूछा कि यह कौन है। इसके बाद जगजीत ने सानू को बुलाया और अपने घर ले गए। उन्होंने सानू को एक गाना भी सिखाया और उसे रिकॉर्ड करने के लिए स्टूडियो ले गए। सानू ने कहा, "यह सब एक सपने की तरह होता चला गया। वह मेरा पहला मौका था।"
पिता के निधन के दिन दी लाइव प्रस्तुति
सानू ने अपने पिता के निधन के दिन भी लाइव प्रस्तुति दी थी। उन्होंने कहा, "राजकपूर जी ने कहा था, शो चलता रहना चाहिए। जब आप लोगों के बीच में जाते हैं, तो उन्हें इस बात से मतलब नहीं होता कि आपके परिवार में क्या चल रहा है, या आप कितने दुखी हैं। उन्हें बस ये पता होता है कि अगर कुमार सानू आया है, तो वह अच्छा गाएगा। मुझे उनके सामने एक मुस्कुराहट के साथ गाना था।"
मंच पर गिर गए थे सानू, लोगों को लगा नया स्टाइल है
सानू ने आगे बताया कि यह बहुत मुश्किल था। उन्होंने कहा, "यह काफी मुश्किल था। मैं मंच पर गिर भी गया था। लोगों को लगा यह सानू का नया स्टाइल है, लेट कर गाने का। मैंने किसी को पता नहीं चलने दिया कि मैं फूलों में फंसकर गिर गया था। जब में गाकर मंच के पीछे आया, तब लोगों ने पूछा कि मुझे चोट तो नहीं लगी। लोगों के बीच में आपको अपना दुख घर छोड़कर जाना होता है।"