#NewsBytesExplainer: रीमेक से कितनी अलग होती हैं रीबूट फिल्में और क्यों बनाई जाती हैं?
क्या है खबर?
आधुनिक और बदलते दौर के साथ बॉलीवुड में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इंडस्ट्री में रीबूट फिल्मों का चलन भी चल पड़ा है, जबकि पहले यह शब्द केवल हॉलीवुड में सुनाई पड़ता था।
आप अगर सिनेमा प्रेमी हैं तो शायद रीबूट नाम आपने भी सुना होगा, क्योंकि यह अब बॉलीवुड के लिए नया नहीं रहा, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि रीबूट फिल्में आखिर होती क्या हैं।
आइए इसके बार में विस्तार से जानें।
गलतफहमी
रीबूट को लेकर लोगों के बीच भ्रम
रीबूट फिल्मों को लेकर लोगों के बीच बड़ी गलतफहमियां हैं। कुछ को लगता है कि रीमेक और रीबूट दोनो एक ही होते हैं तो कुछ के मुताबिक रीमेक और रीबूट में बड़ा अंतर है।
अब आपको बता दें कि रीबूट फिल्में वो होती हैं, जो फिल्म के पिछले नाम के साथ बदलते दौर के हिसाब से बनाई जाती हैं या यह कहें कि पुराने दौर की फिल्म को नए दौर में नए तरीके से बनाना ही रीबूट कहलाता है।
बदलाव
रीबूट फिल्मों में कथानक और सितारों में होता है बदलाव
रीबूट फिल्में मूल कथानक और मूल सितारों में बदलाव कर वक्त के साथ दर्शकों की मांग के मुताबिक बनाई जाती हैं।
जरूरी नहीं कि फिल्म का नाम हमेशा वो ही रखा जाए। रीबूट फिल्म को किसी नए नाम के साथ भी बनाया जा सकता है। रीबूट और रीमेक फिल्मों के बीच का सबसे बड़ा अतंर कहानी होती है।
रीबूट का उल्लेख रीब्रांड या पहले से स्थापित मनोरंजन जगत को दोबारा शुरू करने के तरीके के रूप में किया जाता है।
कारण
क्यों बनाए जाते हैं रीबूट?
रीबूट का निर्माण कर निर्माता नए दर्शकों को आकर्षित या प्रोत्साहित करने के लिए फिल्म सीरीज को एक बिल्कुल नया रूप देते हैं और उसे पुनर्जीवित करते हैं।
रीबूट फिल्मों का निर्माण किसी सीरीज को लेकर खत्म हो रही दर्शकों की दिलचस्नी को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
रीबूट फिल्में रीमेक की तरह नहीं होतीं, जिनमें मूल फिल्म की कहानी को पूरी तरह से कॉपी कर दोबारा से दर्शकों के बीच परोसा जाए।
जानकारी
रीमेक क्या होता है?
रीमेक में फिल्म को दोबारा बनाया जाता है। पुरानी फिल्मों से प्रभावित होकर निर्माता-निर्देशक नए जमाने के कलाकारों संग वो फिल्म बनाते हैं, लेकिन कहानी काफी हद तक पुरानी ही रहती है। बस उसे नए पीढ़ी के कलाकारों के हिसाब से तैयार किया जाता है।
गाना
दलेर मेहंदी के गाने का भी बन चुका रीबूट
रीबूट सिर्फ फिल्मों को नहीं, बल्कि कॉमिक बुक, टीवी शो या किसी गाने का भी बन सकता है।
जैसे बीती फरवरी को जाने-माने गायक दलेर मेहंदी के गाने 'ना ना ना ना नारे' को रीबूट किया गया था। यह प्रशंसको को एक बिल्कुल नए अंदाज में देखने को मिला।
इसमें राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी को देखा गया। इसे सचिन जिगर ने रिक्रिएट किया था।
बता दें कि ओरिजनल वर्जन दलेर और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था।
जानकारी
'राज 4' भी थी रीबूट
अगर आपने फिल्म 'राज 4' देखी होगी तो आपको याद होगा कि उसमें इमरान हाशमी ने एकदम नए कथानक वाली कहानी पेश की थी। फिल्म में अभिनेत्री कृति खरबंदा नजर आई थीं। 2016 में रिलीज हुई इस फिल्म को 'राज: रीबूट' नाम दिया गया था।
आगामी फिल्म
शाहिद की इस चर्चित फिल्म का बन रहा रीबूट
बॉलीवुड में रीबूट फिल्मों का सिलसिला आने वाले समय में भी जारी रहेगा। शाहिद कपूर को रातों-रात स्टार बनाने वाली फिल्म 'इश्क-विश्क' का रीबूट 'इश्क-विश्क रिबाउंड's इसी साल 28 जून को रिलीज किया जाएगा।
इसके जरिए ऋतिक रोशन की चचेरी बहन पश्मीना रोशन हिंदी सिनेमा में कदम रख रही हैं।
रीबूट में रोहित सराफ, पश्मीना, जिब्रान खान और नेला ग्रेवाल जैसे कलाकार शाहिद, अमृता राव, विशाल मल्होत्रा और शहनाज ट्रेजरीवाला की जगह लेंगे।
फिल्में
फिल्मों के ये नाम भी हैं प्रचलित
शुरुआत 'सीक्वल' से करते हैं। इसमें फिल्म की कहानी की शुरुआत वहीं से होती है, जहां पिछली कहानी का अंत हुआ।
'प्रीक्वल' में किसी फिल्म या किरदार के पीछे की कहानी को दिखाया जाता है, वहीं अगर एक किरदार पर अलग से फिल्म बनती है तो उसे 'स्पिन ऑफ' कहा जाता है।
'क्रॉसओवर' में दो अलग-अलग फिल्मों के किरदार किसी तीसरी फिल्म में साथ मिलते हैं तो 'मूवी यूनिवर्स' में कई फिल्मों के किरदार एक फिल्म में जाकर मिलते हैं।