IFFSA टोरंटो में अनुराग कश्यप, सनी लियोनी, तापसी पन्नू होंगे मेहमान, जानिए क्यों खास है समारोह
इन दिनों अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों का मौसम चल रहा है। बीते दिनों इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न चर्चा में रहा। इसके बाद अब फिल्म प्रशंसक आने वाले फिल्म समारोहों पर नजर टिकाए हैं। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ साउथ एशिया, (IFFSA) टोरंटो आने वाले बहुप्रतिक्षित फिल्म महोत्सवों में से एक है। कान्स फिल्म फेस्टिवल समेत कई प्रतिष्ठित समारोहों में प्रदर्शित हो चुकी फिल्म 'कैनेडी' IFFSA में भी प्रदर्शित की जाएगी। यहां आने वाले मेहमानों के नाम भी सामने आए हैं।
क्या है IFFSA टोरंटो?
IFFSA टोरंटो, दक्षिण एशिया पर आधारित सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में से के है। इस बार सामोरह का 12वां संस्करण आयोजित हो रहा है। यह 12 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक टोरंटो में आयोजित होगा। इस दौरान यहां 22 भाषाओं में करीब 120 फीचर और शॉर्ट फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। इनके अलावा करीब 40 मास्टरक्लास, वर्कशॉप और अन्य कार्यक्रण आयोजित किए जाएंगे। दक्षिण एशियाई फिल्म विशेषज्ञ इस समारोह का खास इंतजार कर रहे हैं।
समारोह में हिस्सा लेंगे ये अतिथि
वैरायटी की खबर के अनुसार, 12वें IFFSA में अनुराग कश्यप, सनी लियोनी, तापसी पन्नू बतौर मेहमान पहुंचेंगे। इनके अलावा अभिनेता राहुल भट्ट, जाने-माने फिल्म निर्माता रंजन सिंह, लोकप्रिय निर्देशक अनूप सिंह, लेखक-निर्देशक डॉन पलाथरा और सामी खान भी फिल्म समारोह में हिस्सा लेंगे। इससे पहले खबर आई थी कि वरिष्ठ अभिनेत्री शबाना आजमी और लेखक-गीतकार जावेद अख्तर इस बार समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचेंगे। इनके अलावा दक्षिण एशिया की कई फिल्मी हस्तियां समारोह में शामिल होंगी।
'कैनेडी' के अलावा ये फिल्में भी शामिल
इस फेस्टिवल में करीब 120 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। 'कैनेडी' के अलावा कानू बहल की आगरा भी यहां दिखाई जाएगी। यह फिल्म भी कान्स में प्रदर्शित की गई थी। मराठी फिल्म 'घात' को भी इस फेस्टिवल में जगह मिली है। इस फिल्म को पिछले साल बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया था। मनोज बाजपेयी और जीशान अय्यूब की फिल्म 'जोरम' भी फेस्टिवल का हिस्सा हैं। बांग्लादेशी फिल्म 'पेट कटा शो' भी यहां प्रदर्शित होने के लिए सुर्खियों में है।
समारोह के निदेशक ने कही यह बात
समारोह के निदेशक सनी गिल ने अपने बयान में कहा, "यह सिर्फ एक समारोह नहीं है। यह एक सांस्कृति प्रक्रिया है, जो दक्षिण एशिया की समृद्ध संस्कृति का जश्न मनाती है। फिल्मों की प्रभावी सूची के जरिए हम फिल्म प्रशंसकों और कलाकारों के लिए एक कभी न भूलने वाला अनुभव देने की कोशिश करते हैं।" निर्देशक अनूप सिंह ने फेस्टिवल के बारे में कहा था, "IFFSA के जरिए सिनेमा हमें अपने तन-मन को विस्तार देने का अवसर देता है।"