पति की मौत के दो दिन बाद ही काम पर लौट गई थीं केतकी दवे
क्या है खबर?
हाल में टीवी अभिनेत्री केतकी दवे के पति और अभिनेता रसिक दवे का निधन हुआ। 65 साल की उम्र में रसिक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
इस खबर ने मनोरंजन जगत को झकझोर कर रख दिया था।
उनके चले जाने से केतकी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है।
खबरों की मानें तो केतकी पति की मौत के दो दिन बाद ही काम पर लौट गई थीं।
रिपोर्ट
मैं नहीं चाहती कि लोग मेरे दुख का हिस्सा बनें- केतकी
ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में केतकी ने खुद इस संबंध में खुलासा किया है। वह 30 जुलाई को सेट पर लौटी थीं। बता दें कि 28 जुलाई को उनके पति रसिक का देहांत हुआ था।
केतकी ने अपने बयान में कहा, "मैं नहीं चाहती कि लोग मेरे दुख का हिस्सा बनें। लोगों को किसी की खुशी में शामिल किया जाना चाहिए।"
उन्होंने बताया कि वह अपनी निजी जिंदगी को कामकाज से दूर रखना पसंद करती हैं।
बयान
अपने काम को लेकर क्या बोलीं केतकी?
केतकी पति के निधन के बाद सूरते में आयोजित हुए एक प्ले में शामिल हुईं। वह हमेशा अपने काम को लेकर प्रतिबद्ध रही हैं।
उन्होंने कहा, "जब कभी मैं अस्वस्थ थी, तब भी मैं काम के लिए उपलब्ध रही हूं। एक प्रोजेक्ट में केवल मैं ही शामिल नहीं होती। इसमें पूरी टीम शामिल होती है। शो पहले से बुक होते हैं और मैं नहीं चाहती कि मेरी वजह से किसी को परेशानी हो।"
निधन
रसिक का किडनी से संबंधित बीमारी के कारण हुआ निधन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवंगत अभिनेता रसिक का निधन किडनी से संबंधित समस्याओं के कारण हुआ। वह करीब दो सालों से डायलिसिस पर थे।
हाल के दिनों में उनकी दोनों किडनियां और खराब होती रहीं। बीता एक महीना रसिक के लिए तकलीफदेह था। उनकी तकलीफ के साथ उनका परिवार भी मुश्किल वक्त से गुजर रहा था।
रसिक अपने पीछे पत्नी केतकी, बेटे अभिषेक और बेटी रिद्धी को छोड़ गए हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
केतकी और रसिक की शादी को करीब 40 साल हो चुके थे। दोनों ने 2006 में 'नच बलिए' में भी साथ काम किया था। बीआर चोपड़ा के सीरियल 'महाभारत' में 'नंद' का किरदार निभाकर रसिक मशहूर हुए थे।
करियर
ऐसा रहा केतकी का करियर
केतकी को टीवी जगत से अपार शोहरत मिली। उन्हें प्रसिद्धि तब मिली, जब उन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में दक्ष की भूमिका निभाई थी। एकता कपूर ने इस सीरियल को प्रोड्यूस किया था।
केतकी ने फिल्मों में भी अपनी किस्मत आजमाई है। ये अलग बात है कि बॉलीवुड में वह अपनी छाप छोड़ने में नाकामयाब रहीं।
उन्होंने 'आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया', 'मनी है तो हनी है' और 'कल हो ना हो' जैसी फिल्मों में काम किया है।