
काजल अग्रवाल ने बॉलीवुड में बताई नैतिकता और अनुशासन की कमी, साउथ इंडस्ट्री की जमकर तारीफ
क्या है खबर?
बीते साल काफी समय तक साउथ बनाम बॉलीवुड की बहस देखने को मिली थी।
एक ओर साउथ की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही थीं तो बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्मों का हाल-बेहाल था।
हाल ही में दोनों इंडस्ट्री में काम कर चुकी अभिनेत्री काजल अग्रवाल ने साउथ को बॉलीवुड से कई मायनों में बेहतर बताया है।
अभिनेत्री का कहना है कि साउथ में इको सिस्टम है, जिसमें नैतिकता, अनुशासन और मूल्य है, जिसकी बॉलीवुड में कमी है।
बयान
हिंदी और दक्षिण भारतीय सिनेमा को लेकर की बात
न्यूज18 के राइजिंग इंडिया समिट 2023 में बातचीत के दौरान काजल ने हिंदी सिनेमा और दक्षिण भारतीय सिनेमा के बीच अंतर के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, "ऐसे बहुत से लोग हैं जो बॉलीवुड में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं क्योंकि हिंदी देशभर में मान्यता प्राप्त है। हां, साउथ बहुत फ्रेंडली इंडस्ट्री है, यह बहुत स्वीकार्य है। यहां शानदार तकनीशियन हैं, अद्भुत निर्देशक और कटेंट है, जो सभी चार भाषाओं- तेलुगू, तमिल, मलयालम और कन्नड़ में बनता है।"
बयान
साउथ के अनुशासन को पसंद करती हूं- काजल
मुंबई के एक हिंदी भाषी परिवार में जन्मी काजल को तमिल और तेलुगू फिल्मों में ज्यादा प्रसिद्धि मिली है।
इस बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, "बेशक, हिंदी हमारी मातृभाषा रही है। हम हिंदी फिल्में देखते हुए बड़े हुए हैं। इंडस्ट्री मुझ पर बहुत मेहरबान भी रही है, लेकिन मैं साउथ के इको सिस्टम, नैतिकता, मूल्यों और अनुशासन को पसंद करती हूं, जिसकी मुझे लगता है कि बॉलीवुड में कुछ हद तक कमी है।"
विचार
हैदराबाद और चेन्नई हैं घर जैसे- काजल
काजल से जब सवाल किया गया कि बेटे के जन्म के बाद उन्होंने फिर से काम करने का फैसला किया, तो उन्होंने किस दिशा में जाने का सोचा?
इस पर उन्होंने कहा, "मैं मुंबई की लड़की हूं और यही पली-बढ़ी हूं। मैंने हैदराबाद फिल्म इंडस्ट्री (तेलुगू) से अपने करियर की शुरुआत की थी। ऐसे में मेरा मुख्य काम तमिल और तेलुगू फिल्मों में हैं। मैंने हिंदी फिल्में की हैं, लेकिन मुझे घर जैसा एहसास हैदराबाद और चेन्नई में होता है।"
जानकारी
लोग भी दे रहे प्रतिक्रिया
काजल के बॉलीवुड को लेकर दिए गए इस बयान की कुछ लोग तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसकी आलोचना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह बयान एक अनावश्यक उपहास लग रहा है, जो साउथ बनाम बॉलीवुड की बहस शुरू कर देगा।
विस्तार
कैसे शुरू हुई थी साउथ बनाम बॉलीवुड की बहस?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब कोरोना वायरस महामारी के दौरान रणवीर सिंह की '83' अल्लू अर्जुन की 'पुष्पा: द राइस' के सामने औंधे मुंह गिरी।
इसके बाद एसएस राजामौली की 'RRR' और प्रशांत नील की 'KGF 2' ने 'बच्चन पांडे' और शाहिद कपूर की 'जर्सी' को पछाड़ा।
इस सबके बाद किच्चा सुदीप के हिंदी को लेकर दिए विवादित बयान के बाद बहस बढ़ती चली गई और काफी समय तक दोनों इंडस्ट्री के सितारे इस पर बयानबाजी करते रहे।
वर्कफ्रंट
बॉलीवुड से की थी काजल ने शुरुआत
काजल ने 2004 में हिंदी फिल्म 'क्यों हो गया ना' से ही अपने अभिनय की शुरुआत की थी।
इसके बाद 2007 में तेलुगू फिल्म 'लक्ष्मी कल्याणम' उनकी पहली मुख्य भूमिका वाली फिल्म थी। उन्हें 2009 में 'मगधीरा' के साथ सफलता मिली और इसके बाद वह तमिल और तेलुगू की कई हिट फिल्मों में दिखीं।
वह 'स्पेशल 26' और 'सिंघम' जैसी बॉलीवुड फिल्मों में दिखाई दी हैं।
अब वह कमल हासन के साथ 'इंडियन 2' से वापसी करने वाली हैं।