अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी में पहुंचेगी 70 साल पुरानी मशहूर चाट की दुकान
मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी आजकल खूब सुर्खियां बटोर रही है। 12 जुलाई को अनंत और राधिका मर्चेंट एक-दूजे के हो जाएंगे, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, जिससे जुड़ी आए दिन नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। देश और दुनिया की कई बड़ी हस्तियां इस भव्य शादी में शिरकत करने वाली हैं, वहीं मेहमानों के लिए शादी में काशी चाट भंडार का चाट भी परोसा जाएगा। आइए पूरी खबर जानते हैं।
नीता ने दिया था न्यौता
अनंत-राधिका की शादी 12 जुलाई को जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में होगी, वहीं मेन्यू में यूं तो अनगिनत चीजें जुड़ेंगी, लेकिन एक स्टॉल जो लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान खींचेगा, वो है बनारस की चाट की दुकान। दरअसल, ये वही चाट की दुकान है, जिसकी अलग-अलग तरह की चाट का मजा अनंत की मां नीता अंबानी ने अपनी बनारस यात्रा में लिया था। इसके बाद उन्होंने चाटवाले को अपने बेटे की शादी में अपना चाट स्टॉल लगाने का न्यौता दिया।
ऐसा क्या खास है इस चाट में?
इस दुकान को काशी चाट भंडार के नाम से जाना जाता है। यहां 12 तरह के जायकादार चाट का मजा लिया जा सकता है, जिन्हें चखने के लिए लोग घंटों तक इंतजार कर सकते हैं। 1952 में काशीनाथ केसरी ने गोदौलिया इलाके में छोटा सा ठेला लगाकर चाट बेचना शुरू किया था। स्वाद के शौकीनों की बढ़ती तादाद के कारण पहले उस ठेले के पास दुकान बनाई गई, जो आज दो मंजिला हो चुकी है।
नीता को भा गई चाट
काशी चाट भंडार में पालक की चाट, मूंग की चाट, पालक पत्ता चाट, चुरा मटर, बास्केट चाट, पपड़ी चाट, समोसा चाट भी परोसी जाती है। यहां हर दिन देश-विदेश से लोग अलग-अलग तरह की चाट का मजा लेने के लिए आते हैं। यहां सबसे पहले टमाटर चाट बनाई गई और ये चाट लोगों को इतनी भा गई कि यहां भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटने लगी। नीता को यहां की पालक, टिक्की और टमाटर चाट बेहद पसंद आई।
अनंत-राधिका की हल्दी के रंग में रंगा बॉलीवुड
एंटीलिया में 8 जुलाई को अनंत-राधिका की शादी का हल्दी समारोह धूमधम से मनाया गया, जिसमें सलमान खान समेत बॉलीवुड की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं। इस समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं, जो किसी होली पार्टी से कम नहीं लग रहा है। ओरी से लेकर अनन्या पांडे, शनाया कपूर और खुशी कपूर जैसे कई कलाकार हल्दी के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। बता दें कि हल्दी से पहले अनंत-राधिका की मामेरू रस्म हुई थी।