'जो जीता वही सिकंदर' के 29 साल, जानिए फिल्म से जुड़ीं कुछ रोचक बातें
'जो जीता वही सिकंदर' की रिलीज को 29 साल पूरे हो चुके हैं। 22 मई, 1992 में रिलीज हुई यह फिल्म दर्शकों को आज भी उतनी ही पसंद है। इस फिल्म में आमिर खान, आयशा जुल्का और पूजा बेदी मुख्य भूमिका में थीं। मंसूर खान के निर्देशन में बनी यह फिल्म आमिर के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी। फिल्म के 29 साल पूरे होने पर आइए जानते हैं इससे जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातें।
ऐसा नहीं होता तो अक्षय कुमार होते फिल्म में
यह फिल्म अक्षय कुमार और आमिर खान की साथ में पहली फिल्म हो सकती थी, लेकिन शूटिंग करने के बावजूद अक्षय को फिल्म से बाहर कर दिया गया था। उन्हें फिल्म में दीपक तिजोरी वाले किरदार (शेखर) के लिए कास्ट किया गया था। अक्षय फिल्म में गेंद से अजीब तरह से खिलवाड़ करते रहते थे, जो मंसूर खान को पसंद नहीं आता था, इसलिए 80 प्रतिशत शूटिंग होने के बावजूद फिल्म से उन्हें निकाल दिया गया।
अक्षय के बाद मिलिंद सोमन ने की थी फिल्म की शूटिंग
अक्षय के बाद फिल्म में मिलिंद सोमन को लिया गया, लेकिन 30 प्रतिशत शूटिंग पूरी करने के बाद मिलिंद को भी मना कर दिया गया। शेखर की भूमिका में मंसूर खान को मिलिंद भी नहीं जंचे। इसके बाद दीपक तिजोरी के साथ नए सिरे से फिल्म की शूटिंग शुरू की गई। बार-बार फिल्म शूट करते-करते मंसूर खान थक चुके थे। वह फिल्म से सारी उम्मीदें छोड़ चुके थे, लेकिन आमिर ने उन्हें फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया।
आमिर की डेब्यू फिल्म होती 'जो जीता वही सिकंदर'
शायद ही आप यह जानते होंगे कि यह आमिर की डेब्यू फिल्म हो सकती थी। दरअसल, मंसूर खान के पास इस फिल्म की कहानी पहले से थी। वह 'कयामत से कयामत तक' से पहले 'जो जीता वही सिकंदर' बनाना चाहते थे, लेकिन बात नहीं बनी।
गिरिजा के बाद आयशा जुल्का की झोली में गिरी फिल्म
इस फिल्म के लिए पहले आयशा की जगह साउथ की हीरोइन गिरिजा शेट्टर को चुना गया था। उनके साथ एक गाना भी शूट हुआ, लेकिन उन्हें इंगलैंड शिफ्ट होना था। वह जल्द से जल्द फिल्म की शूटिंग खत्म करना चाहती थी, जो कि मुमकिन नहीं था। इसके बाद उनकी जगह आयशा जुल्का को लिया गया और फिर से उस गाने की शूटिंग आयशा के साथ की गई। वैसे सबसे पहले इस फिल्म के लिए नगमा से संपर्क किया गया था।
फिल्म में आयशा ने क्यों पहनी थी लाल टोपी?
अगर आपने फिल्म देखी होगी तो आयशा जुल्का फिल्म में आपको एक लाल टोपी पहने दिखी होंगी। इसकी वजह यह थी कि आयशा के माथे पर चोट लग गई थी और नई हीरोइन लेने पर फिर से सीन शूट करने पड़ते तो आइडिया आया कि क्यों ना हीरोइन को कैप पहना दी जाए। आयशा उस कैप में क्यूट भी लगीं। दर्शकों को पता भी नहीं लगा और फिल्म भी सुपर-डुपर हिट हो गई।
इमरान खान ने की थी इस फिल्म से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत
शायद ही आप इस बात से वाकिफ होंगे कि इस फिल्म से अभिनेता इमरान खान ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट बॉलीवुड में कदम रखा था। इसमें उन्होंने आमिर के बचपन का किरदार निभाया था। एक सीन में इमरान साइकिल चलाते दिखे थे, इसी बीच एक बच्चे ने आकर उनकी पैंट खींच दी थी। इसके बाद इमरान सारा दिन रोते रहे थे। 24 साल बाद उन्हें पता चला था कि यह आमिर खान का ही आइडिया था।
फराह के लिए पूजा बेदी को नचाना टेढ़ी खीर साबित हुआ
फराह खान इस फिल्म की असिस्टेंट डायरेक्टर थीं लेकिन एक दिन सरोज खान सेट पर नहीं पहुंचीं। 'पहला नशा' गाना शूट होना था और फिर फराह ने उनकी जगह ली। यहीं से उनका कोरियोग्राफी का सफर शुरू हुआ। फराह के लिए सबसे बड़ी मुश्किल थी पूजा बेदी से डांस करवाना। जब फराह को लगा कि यह नामुमकिन है तो उन्होंने पूजा को कार पर खड़ा कर दिया और ड्रायर से उनकी फ्रॉक उड़ा-उड़ाकर गाने का वो भाग पूरा किया।