'ज्वेल थीफ' रिव्यू: सैफ अली खान और सिद्धार्थ आनंद ने ये क्या बना दिया?
क्या है खबर?
सैफ अली खान पिछले काफी समय से फिल्म 'ज्वेल थीफ: द हाइस्ट बिगिन्स' को लेकर सुर्खियों में हैं, जो लंबे इंतजार के बाद OTT प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर आज यानी 25 अप्रैल को रिलीज हो गई है।
फिल्म में सैफ के साथ-साथ अभिनेता जयदीप अहलावत और अभिनेत्री निकिता दत्ता ने भी अहम भूमिका निभाई है।
कुकी गुलाटी के निर्देशन में बनी इस फिल्म का निर्माण सिद्धार्थ आनंद ने किया है।
कैसी है 'ज्वेल थीफ'? जानने के लिए पढ़िए फिल्म का रिव्यू।
कहानी
महाचोर और चोरी के इर्द-गिर्द बुनी गई कहानी
कहानी ऐसे महाचोर (रेहान रॉय) की है, जिसे दुनिया के सबसे महंगे हीरे को चुराने का काम मिला है। फिल्म का विलेन राजन औलाख (जयदीप) है, जो अंडरवर्ल्ड माफिया है, लेकिन समाज में उसकी छवि एक पेंटर वाली है।
राजन, रेहान को धमकी देता है कि अगर उसने हीरा नहीं चुराया तो वह उसके बाप को मार देगा।
अब रेहान लूट को अंजाम कैसे देता है, ये भी बता दिया तो फिल्म में देखने के लिए कुछ बचेगा नहीं।
निर्देशन और लेखन
निर्देशन और लेखन एकदम बकवास
लगभग 2 घंटे की इस फिल्म के सबसे बड़े गुनाहगार निर्देशक कुकी गुलाटी हैं, जिन्होंने पता नहीं क्या सोचकर इसे बनाया। न यह रोमांचित करती है, ना चौंकाती है।
लगता है मानों निर्देशक का पूरा ध्यान सैफ के स्टाइल पर था। कहानी तो छूट ही गई। लूटपाट वाला वही घिसा-पिटा फॉर्मूला, कुछ नयापन नहीं।
लेखक डेविड लोगान ने भी बेतुकी कहानी लिखकर दर्शकों का बड़ा इम्तिहान लिया है।
कुल मिलाकर निर्देशक-लेखक की ये बेजान कहानी भेजा फ्राई कर देती है।
बके
सैफ भी बराबर के गुनाहगार, जयदीप ने किया अपना बंटाधार
सैफ ने कुछ अलग नहीं किया, जिसका जिक्र यहां किया जाए। फिल्म शुरू होकर खत्म हो गई और नवाब सैफ अपना स्वैग दिखाते रह गए।
उधर जयदीप अहलावत जैसे उम्दा अभिनेता ने ऐसी फिल्म कर अपना नाम खराब किया है, जिनका अभिनय दोयम दर्जे की कहानी और कमजोर किरदार की भेंट चढ़ गया।
जयदीप और निकिता दत्ता ने अपने हिस्से आए दृश्यों के साथ न्याय किया, लेकिन इन दोनों की एक्टिंग भी इस फिल्म को नहीं बचा पाई।
कमियां
खामियां नहीं, खामियों का पिटारा है ये फिल्म
समझ लें कि एक खराब फिल्म बनाने के लिए क्या-क्या जरूरी होता है तो वो सब 'ज्वेल थीफ' में है।
न कहानी में दम, ना संवादों में जान। लग रहा है सैफ के साथ-साथ नेटफ्लिस ने भी अपने दर्शकों पर एहसान किया है।
पहले छोटे नवाब यानी इब्राहिम अली खान ने 'नादानियां' से दर्शकों को टॉर्चर किया और अब उनके अब्बा जान सैफ की 'ज्वेल थीफ', जिसे देखने के लिए नेटफ्लिक्स का मोबाइल सब्सक्रिप्शन 199 रुपये भी बहुत ज्यादा है।
फैसला
फिल्म देखने लायक है या नहीं?
क्यों देखें?- जैसै सैफ ने अपना टाइम पास करने के लिए इस फिल्म में काम कर लिया, वैसे ही आप भी इसे एक मौका देख सकते हैं, क्योंकि इसमें देखने लायक कुछ है नहीं। नया बताकर एक पुरानी कहानी परोस दी गई है। हां, अगर स्टाइलिंग, मेकअप, कॉस्टयूम देखने हैं तो देख लें।
क्यों न देखें?- ये रिव्यू पढ़ने के बाद भी अगर 'ज्वेल थीफ' देखने की चाहत है तो देख लें।
नेटफ्लिक्स स्टार- 1.5/5